उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के सियासी संग्राम से पहले अखिलेश यादव की सपा और जयंत चौधरी की रालोद ने गठबंधन पर पेंच फंस गया है. बताया जा रहा है कि दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकल मामला नहीं सुलझा है, जिस वजह से कल सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर गठबंधन के ऐलान पर संशय बरकरार है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जयंत चौधरी की पार्टी रालोद यूपी में कम-से-कम 50 सीटों की मांग कर रही है. वहीं सपा 30-35 सीट देने पर राजी है. दोनों दलों के बीच गठबंधन को लेकर यहीं पर उलझन है. हालांकि सूत्र बता रहे हैं कि दोनों दलों के शीर्ष नेतृत्व के बीच बातचीत लगातार जारी है.
जयंत चौधरी ने दिया ये बयान– इधर, जयंत चौधरी ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि गठबंधन तय है. इस महीने के अंत तक हम लोग बातचीत कर मसला सुलझा लेंगे. इसके बाद दोनों दल मिलकर गठबंधन का ऐलान करेंगे.
बड़े दलों से गठबंधन नहीं करेगी सपा– यूपी में विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी ने ऐलान किया है कि बड़े दलों के साथ गठबंधन नहीं किया जाएगा. सपा ने कहा कि इस बार छोटे दलों को साथ लाया जाएगा. अखिलेश ने गठबंधन नहीं करने के पीछे तर्क देते हुए कहा कि ये लोग सीट अधिक लेते हैं और जनाधार शिफ्ट नहीं करा पाते हैं.
पश्चिमी यूपी में मजबूत पकड़ रखती है रालोद– बता दें कि पश्चिमी यूपी के कई जिलों में रालोद की पकड़ मजबूत है. 2017 के चुनाव में रालोद सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ी, लेकिन कोई फायदा नहीं मिला. वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में भी रालोद को गठबंधन में हार का सामना करना पड़ा.