Cleanliness Survey 2021: स्मार्ट सिटी में चयनित बरेली स्वच्छता सर्वेक्षण में और पिछड़ गया है. इस बार वह चार पायदान और नीचे खिसक गया है. इससे बरेली की रैंक 149 से 153 पर पहुंच गई है. शहर में सफाई व्यवस्था पहले ही बदहाल है, लेकिन खोदी गई सड़कों और इनके गड्ढों ने बरेली की साख को देश भर में और खराब किया है. हालांकि, शाहजहांपुर की रैंकिंग में काफी सुधार हुआ है.
केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण पुरस्कार 2021 के परिणामों की घोषणा शनिवार को की गई है. इसमें एक बार फिर इंदौर ने प्रथम स्थान हासिल किया है, लेकिन बरेली की रैकिंग 149 से घटकर 153 हो गई है. अपना शहर स्वच्छता के बजाय गंदगी में रिकॉर्ड बना रहा है. इस सर्वे में देश भर के लगभग 4500 शहर, नगर पालिका और नगर पंचायत शामिल हुई थीं.
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स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश भर के सभी शहरों में सफाई का सर्वेक्षण कराया गया था. भारत सरकार की टीम ने बरेली में सफाई व्यवस्था देखकर कई बिंदुओं पर जायजा लिया था. शनिवार को इसकी रैकिंग जारी की गई. सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, गीला-सूखा कूड़ा का अलग कलेक्शन और पब्लिक फीडबैक और जागरूकता की कमी के कारण यह पिछड़ा है. यह नुकसान बरेली नगर निगम के अफसर और महापौर के बीच हुई लड़ाई से भी हुआ है जबकि दो साल पहले ही नगर पालिका से नगर निगम बने शाहजहांपुर की रैंकिंग में सुधार हुआ है. यह 107 से 98 पर आ गया है.
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बरेली नगर निगम की टीम को सफाई व्यवस्था में सुधार के लिए इंदौर भेजा गया था. यहां टीम ने गीले सूखे कचरे के प्रोसेसिंग, गंदे पानी के ट्रीटमेंट से इसे दोबारा उपयोग किए जाने के इनोवेशन और सफाई की व्यवस्था को सीखा था, लेकिन फिर भी कोई सुधार नहीं हुआ.
देश में स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 से शुरू हुआ था. 2017 के सर्वे में बरेली को 298 रैंक मिली थी. इसके बाद 2018 के सर्वे में बरेली और पिछड़कर 325 पर जाकर ठहर गया था, लेकिन 2019 में लंबी छलांग लगाकर 117वीं रैंक पर पहुंच गया. 2020 में बरेली पिछड़कर 149 पर पहुंच गया था, लेकिन इस साल 153वीं रैंक मिली है.
(रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद, बरेली)