कृषि कानून की वापसी के बाद अब विपक्षी दलों में क्रेडिट लेने की होड़ मच गई है. सपा ने अखिलेश यादव को किसानों की लड़ाई लड़ने का श्रेय दिया है, तो वहीं कांग्रेस ने कानून वापसी का क्रेडिट राहुल गांधी को दिया है. बता दें कि आज पीएम मोदी ने तीन कृषि कानून वापस लेने का ऐलान किया है.
कानून वापसी के ऐलान के बाद यूपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू ने एक ट्वीट किया है. लल्लू ने अपने ट्वीट में लिखा है, ‘3 काले कृषि कानून वापस लिए जा रहे हैं. काले कानून के आने से और अब तक हमारे नेता राहुल गांधी एवं कांग्रेस पार्टी ने लड़ाई लड़ी. किसानों ने सत्याग्रह किए, शहादत दिए. किसानों के लंबे ऐतिहासिक त्याग को सलाम करता हूं. यह किसानों की जीत है. कांग्रेस की जीत है.’
वहीं सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कृषि कानून वापसी के ऐलान के बाद एक ट्वीट किया. पटेल ने लिखा, ‘सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की विजय रथयात्रा के समर्थन में उमड़ी किसानों नौजवानों की भारी भीड़ देखकर भाजपा सरकार को मजबूरन कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा. सभी किसानों नौजवानों को रथयात्रा का समर्थन करने के लिए धन्यवाद.’
तीनों कृषि क़ानून वापस लेने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को अभिनन्दन करता हूँ,किसान आन्दोलन के नाम पर चुनाव आन्दोलन करने वाले दलों और नेताओं को बेरोज़गार हो गए साज़िश अब सफल नहीं होगी कमल खिला है खिला रहेगा #मुद्दा_विहीन_बेरोजगार_विपक्ष
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) November 19, 2021
इधर, यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने विपक्ष पर हमला बोला है. मौर्य ने सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर ट्वीट कर लिखा, ‘तीनों कृषि क़ानून वापस लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अभिनन्दन करता हूं, किसान आन्दोलन के नाम पर चुनाव आन्दोलन करने वाले दलों और नेताओं को बेरोज़गार हो गए साज़िश अब सफल नहीं होगी. कमल खिला है खिला रहेगा.’
संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा है कि केंद्र सरकार का फैसला स्वागत योग्य है. संसद से जब प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी, उसके बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि आंदोलन कभी खत्म नहीं होगा.