अरवल. शराबबंदी कानून के बावजूद जिला के 39 गांवों में शराब का धंधा फल फूल रहा है, जिसके विरुद्ध समय समय पर संबंधित थाना द्वारा अभियान भी चलाया जाता है. शराबबंदी अभियान के बावजूद भी जिले में कई ऐसे थानाध्यक्ष व पुलिस पदाधिकारी हैं, जिन्होंने शराब से जुड़े लोगों के विरुद्ध जांच करने व कार्रवाई करने में शिथिलता बरते हैं. वैसे सभी थानाध्यक्ष व पुलिस पदाधिकारी पर बड़ी कार्रवाई होने कि संभावना प्रबल है. जिले के आधा दर्जन थाना अध्यक्ष व दर्जनों पुलिस पदाधिकारी जो अपने क्षेत्र में शराब का धंधा करने वालों के खिलाफ में गंभीरता पूर्वक कार्रवाई नहीं किये हैं.
वैसे थानाध्यक्ष व पुलिस पदाधिकारी नपेंगे. इसके लिए पुलिस अधीक्षक के द्वारा थाना अध्यक्ष एवं पुलिस पदाधिकारी के कार्यों की जांच की जा रही है. इसके लिए पुलिस अधीक्षक के द्वारा लगातार उनके कॉल डिटेल्स एवं अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां एकत्रित किया जा रहा है. पूरी मामले जांच हो जाने के बाद संबंधित थाना अध्यक्ष एवं पुलिस पदाधिकारी पर बड़ी कार्रवाई पुलिस अधीक्षक के द्वारा किया जाएगा. ताकि शराबबंदी अभियान में कोई भी पुलिस पदाधिकारी एवं थानाध्यक्ष शिथिलता नहीं भरते. जो भी शिथिलता बरते हैं वैसे थाना अध्यक्ष एवं पुलिस पदाधिकारी पर बड़ी कार्रवाई होगी.
शराब धंधेबाजों को संरक्षण देने वाले थाना अध्यक्ष एवं पुलिस पदाधिकारी रडार पर है. इस संबंध में एसपी राजीव रंजन ने बताया कि वैसे थानाध्यक्ष एवं पुलिस पदाधिकारी जिन्होंने अपने क्षेत्र में शराब कारोबारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने में शिथिलता बरती है. उनपर पर जांच की जा रही है. एक सप्ताह के अंदर में जांच पूरी कर ली जायेगी. जांच पूरी होने के बाद संबंधित थानाध्यक्ष व पुलिस पदाधिकारी पर कड़ी कार्रवाई होगी.
Also Read: Bihar News: ड्यूटी से गायब 50 कर्मियों और पदाधिकारियों को नोटिस, सख्त कार्रवाई का निर्देश
एसपी ने बताया कि शराबबंदी अभियान को शत-प्रतिशत सफल बनाने के लिए जिले के सभी थाना में एंटी लिकर टास्क फोर्स का गठन किया गया है. साथ ही जिले में 76 सेक्टर पदाधिकारी को तैनात किया गया है, ताकि शराब धंधेबाजों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई किया जा सके. साथ ही एक्शन प्लान तैयार किया गया है. उसी एक्शन प्लान के तहत शराबबंदी अभियान को सफल बनाने के लिए युद्ध स्तर पर कार्रवाई की जा रही है.
Posted by: Radheshyam Kushwaha