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19 विधानसभा सीट पर बुंदेलियों ने खिलाया था ‘कमल’, क्या आज PM मोदी की सौगातों से बुझेगी बुंदेलखंड की प्यास?

बुंदेलखंड में 13 जिले हैं. जिनमें सात जिले यूपी के बांदा, ललितपुर, चित्रकूट, हमीरपुर,महोबा, झांसी, जालौन जबकि मध्य प्रदेश में छतरपुर, दतिया, टिकमगढ़, दमोह, सागर, पन्ना शामिल हैं जबकि भिंड का भी कुछ हिस्सा इस सूखे इलाके में आता है.

PM Narendra Modi in Bundelkhand : पिछले चुनावों में भाजपा को राजनीतिक रूप से लाभ पहुंचाने वाला बुंदेलखंड हमेशा से बेरोजगारी, पलायन, कर्ज से त्रस्त किसानों और पानी की समस्या से हलकान रहने वाले ग्रामीणों का क्षेत्र रहा है. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बुंदेलियों ने सभी 19 विस सीट पर कमल खिलाया था. मगर प्यास से बेहाल रहने वाले इन बुंदेलियों को राहत देने की पहल हो रही है ठीक साल 2022 में होने वाले चुनावों के चंद महीनों पहले यानी आज. शु्क्रवार को बुंदेलखंड को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तकरीबन 6600 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात देंगे.

यहां यह जानना जरूरी है कि बुंदेलखंड क्षेत्र में कुल 13 जिले हैं. इसमें मध्य प्रदेश के छह जिले छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, दामोह, सागर और दतिया जबकि उत्तर प्रदेश के सात जिले झांसी, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, बांदा, महोबा, कर्वी (चित्रकूट) शामिल हैं. इनमें से पानी की समस्या कमोबेश हर जनपद में समान है. गर्मी के मौसम में यहां की प्यास भरी चीत्कार मीडिया में छाई रहती है. शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने झांसी और महोबा के दौरे पर बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे. इस बीच वे करोड़ों की परियोजनाओं की सौगात यहां की जनता को देंगे.

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19 विधानसभा सीट पर बुंदेलियों ने खिलाया था ‘कमल’, क्या आज pm मोदी की सौगातों से बुझेगी बुंदेलखंड की प्यास? 2

पीएम मोदी की सौगातों में अहम है ललितपुर का भावनी बांध और महोबा की अर्जुन सहायक परियोजना. महोबा में वे चार बांधों को जोड़ने वाली अर्जुन सहायक परियोजना के साथ करीब 3263 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण करेंगे. इसके बाद झांसी में डिफेंस कॉरीडोर के पहले प्रोजेक्ट की आधारशिला रखेंगे. यहां टैंक रोधी मिसाइल व हल्के हेलीकाप्टर बनेंगे. यहीं वह मेगा सोलर पार्क समेत सबसे हल्का स्वदेशी हेलीकॉप्टर, वारफेयर सूट समेत तमाम सैन्य आयुध व उपकरण देंगे. इनकी कुल लागत 3414 करोड़ है.

Also Read: फिर जागी पृथक बुंदेलखंड की चाहत, 24वीं बार तारा पाटकर ने पीएम नरेंद्र मोदी को खून से लिखी चिट्ठी आठ बार सूखा घोषित हो चुका है बुंदेलखंड

साल 2002 से लेकर 2016 के बीच बुंदेलखंड को आठ बार सूखा घोषित किया जा चुका है. इसके कारण क्षेत्र में कृषि पर बहुत बुरा असर पड़ा है. बुंदेलखंड क्षेत्र में 75 ब्लॉक हैं. इनमें से 65 ब्लॉक में पीने की पानी की बेहद कमी रहती है. बुंदेलखंड में 13 जिले हैं. जिनमें सात जिले यूपी के बांदा, ललितपुर, चित्रकूट, हमीरपुर,महोबा, झांसी, जालौन जबकि मध्य प्रदेश में छतरपुर, दतिया, टिकमगढ़, दमोह, सागर, पन्ना शामिल हैं जबकि भिंड का भी कुछ हिस्सा इस सूखे इलाके में आता है.

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