Prayagraj News: कक्षा तीन में पड़ रही 9 साल की काजल ने 8 अगस्त को उस समय सभी को आश्चर्यचकित कर दिया था, जब प्रयागराज सुभाष चौराहे से दौड़ते हुए दिल्ली इंडिया गेट पहुंची थी. काजल ने प्रयागराज से दिल्ली तक का सफर 16 दिन में पूरा किया था. काजल ने अपनी मेहनत और लगन के दम पर इस कामयाबी को हासिल किया.
काजल को एक साल से रनिंग की ट्रेनिंग दे रहे रजनीकांत (मैराथन धावक) निवासी मांडा बताते है कि, वह काजल के चाचा है और 2007 में एक रिकॉर्ड बना था. जिसमें बुद्धिया सिंह ने पुरी से भुवनेश्वर 65 किमी की दौड़ लगा कर रिकार्ड बनाया था. उससे ही प्रेरित होकर काजल को रनिंग की ट्रेनिंग देते आ रहे हैं.
काजल की कड़ी मेहनत के बाद जब पहचान नहीं मिली तो, हम सबने सभी का ध्यान आकर्षित करने के लिए काजल को प्रयागराज से दिल्ली इंडिया गेट तक दौड़ाया. काजल के दिल्ली पहुंचने के बाद मीडिया कवरेज और सराहना खूब मिली. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने एक कार्यक्रम में सम्मानित भी किया. लेकिन फिर सभी ने भुला दिया. अब काजल प्रयागराज में 19 तारीख को होने जा रही इंदिरा मैराथन में दौड़ना चाहती है.
Also Read: Prayagraj News: इंदिरा मैराथन के लिए आवेदन शुरू, प्रथम विजेता को मिलेगा 2 लाख रुपए का पुरस्कार
इस संबंध में काजल के पिता निवासी ललित पुर भोसरा नरोत्तम मांडा नीरज कुमार बिंद ने बताया की वह गुरूवार को DM कार्यालय पर बेटी को इंदिरा मैराथन में दौड़ने की इजाजत के लिए आए है.
दरअसल, इंदिरा मैराथन में 18 वर्ष और इससे ऊपर के एथलीट ही दौड़ सकते हैं. वहीं, काजल की उम्र महज नौ वर्ष है. यही कारण है कि 42 किलोमीटर होने वाली इस इंदिरा मैराथन में उसका रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा. काजल के पिता नीरज और ट्रेनर रजनीकांत काजल को इंदिरा मैराथन में दौड़ने की इजाजत की गुहार लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे हैं. अब तक प्रयागराज की बिटिया को इजाजत नहीं मिल सकी है. काजल को उम्मीद है कि उसे इजाजत मिलेगी और एक बार फिर वह अपने सपनों की उड़ान भर सकेगी.
रिपोर्ट- एस के इलाहाबादी