कोरोना महामारी ने देश में शिक्षा के स्वरूप को बिलकुल बदलकर रख दिया है. लाॅकडाउन के बाद जब ऑनलाइन पढ़ाई का दौर शुरू हुआ तो बच्चों के लिए स्मार्टफोन अनिवार्य हो गया, जबकि उससे पहले बच्चों को स्मार्टफोन से दूर रखने की हिदायत दी जाती थी.
ऐसे में बड़ा सवाल था स्मार्टफोन की उपलब्धता. देश के विद्यालयों में पढ़ाई कर रहे 67 प्रतिशत से अधिक बच्चों के घर पर कम से कम एक स्मार्टफोन है, लेकिन उनमें से 26 प्रतिशत की इस उपकरण तक अबतक पहुंच नहीं है. शिक्षा रिपोर्ट की वार्षिक स्थिति (एएसईआर) के नवीनतम सर्वेक्षण में यह कहा गया है.
पीटीआई न्यूज एजेंसी के अनुसार एएसईआर में कहा गया है कि स्मार्टफोन की उपलब्धता में तीव्र वृद्धि हुई है, 2018 के 36.5 प्रतिशत से बढ़कर यह 2021 में 67.6 प्रतिशत हो गयी है. हालांकि, निजी विद्यालयों में कहीं अधिक बच्चों के पास घर पर (79 प्रतिशत) स्मार्टफोन है, जबकि सरकारी विद्यालयों के बच्चों में 63.7 प्रतिशत के पास है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि छोटे बच्चे स्मार्टफोन से वंचित हैं और उन्हें घर पर इन्हें छूने की भी इजाजत नहीं है. इस सर्वेक्षण का उद्देश्य देश में शिक्षा प्रणाली में परिवर्तन का पता लगाना है. सर्वे में कहा गया है कि बिहार (53.8प्रतिशत) में सर्वाधिक संख्या में ऐसे छात्र हैं जिनके घर में स्मार्टफोन उपलब्ध हैं लेकिन उन्हें इसका उपयोग नहीं करने दिया जाता. इसके बाद पश्चिम बंगाल (46.5 प्रतिशत), उत्तर प्रदेश (34.3 प्रतिशत) और राजस्थान (33.4) का स्थान है.
Posted By : Rajneesh Anand