मुंबई: कोरोना संकट के बाद भारत की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटती दिख रही है. प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय ने उम्मीद जतायी है कि वर्ष 2021-22 में जीडीपी की रफ्तार 10 फीसदी रह सकता है.
बिबेक देबरॉय ने बुधवार को कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था उच्च विकास पथ की ओर बढ़ रही है. वित्त वर्ष 2021-22 में इसके लगभग 10 प्रतिशत की दर से बढ़ने की संभावना है. देबरॉय एसबीआई के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे.
श्री देबरॉय ने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि हम एक उच्च विकास दर, उच्च गरीबी उन्मूलन दर, उच्च रोजगार दर के साथ एक समृद्ध, अधिक विकसित और बेहतर शासित भारत की ओर अग्रसर हैं. मुझे लगता है कि इस साल (वित्त वर्ष 2022) विकास की वास्तविक दर लगभग 10 प्रतिशत रहने वाली है.’
उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 की शुरुआत में वास्तविक वृद्धि का अनुमान 8.5-12.5 प्रतिशत के बीच था. देबरॉय ने कहा कि हालांकि, जीएसटी राजस्व, ई-वे बिल, बिजली की खपत, वाहन पंजीकरण, रेलवे भाड़ा, कॉर्पोरेट लाभ, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रवाह और इस्पात की खपत सहित सभी प्रकार के उच्च आवृत्ति संकेतक अब इसके बारे में विश्वास पैदा करते हैं कि चालू वित्त वर्ष में वास्तविक विकास दर करीब 10 फीसदी रहेगी.
इससे पहले रिजर्व बैंक के गर्वनर शक्तिकांत दास ने भी मंगलवार को उम्मीद जतायी थी कि अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है. उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार की ओर से पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद कर में कटौती और राज्य सरकारों की ओर से वैट में दी गयी छूट की वजह से लोगों की क्रय शक्ति बढ़ेगी, जिसका सकारात्मक असर बाजार पर पड़ेगा.
Posted By: Mithilesh Jha
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.