पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक के दौरान कई मंत्रियों ने और ज्यादा सख्ती बरतने की जरूरत बतायी. उत्तर बिहार क्षेत्र से आने वाले कुछ मंत्रियों ने कहा कि थाना की मदद से उनके क्षेत्र में दारू खुलेआम मिलती है. इस पर तुरंत सख्ती बरतने की जरूरत है. कुछ ने कहा कि पटना समेत अन्य कई शहरों में शराब की इन दिनों होम डिलेवरी शुरू हो गयी है. इस पर तुरंत नकेल कसने की जरूरत है. सभी थानों को इसके लिए खासतौर से चौकसी बरतने की हिदायत दी जाये. सभी मंत्रियों ने पुलिस को इसके लिए खासतौर से सख्ती बरतने की बात कही.
उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि उनके क्षेत्र भागलपुर में शराब के अलावा ड्रग्स का प्रसार तेजी से बढ़ता जा रहा है. इस पर भी तुरंत व्यापक स्तर पर कार्रवाई करने की जरूरत है. वहीं, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि पटना और आसपास के इलाकों में रेलवे लाइनों के किनारे अवैध शराब के अलावा ड्रग्स का बड़े स्तर पर कारोबार पसरता जा रहा है. इस पर नकेल कसने की जरूरत है और इन इलाकों में वृहद कार्रवाई करने की आवश्यकता है.
शराबंबदी कानून को लेकर मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक के बाद डीजीपी एसके सिंघल ने बताया कि पिछले वर्षों की तुलना में इस बार शराब की रिकवरी दर काफी बढ़ गयी है. पिछले वर्षों की तुलना में 85 फीसदी देसी और 45 फीसदी विदेशी शराब की रिकवरी बढ़ी है. उन्होंने कहा कि शराब की होम डिलेवरी पर खासतौर नजर रखी जा रही है. पटना में विशेष चौकसी है. बुद्धा कॉलोनी, दीघा, शास्त्री नगर समेत अन्य कई स्थानों पर सख्त कार्रवाई की गयी है, जिसमें बड़े स्तर पर बरामदगी और गिरफ्तारी हुई है.
डीजीपी ने कहा कि शराब तस्करी या अवैध धंधे में शामिल जो लोग पकड़े जाते हैं, वे जेल से बेल पर बाहर आकर फिर इसी धंधे में लग जाते हैं. यह सबसे बड़ी चुनौती पुलिस के सामने है, जिससे निपटने की जद्दोजहद निरंतर चल रही है. गोपालगंज वाले मामले में भी गिरफ्तार एक व्यक्ति कुछ दिनों पहले ही जेल से छूट कर आया था और फिर से इस अवैध धंधे में जुट गया था. इसी तरह से कैमूर जिले में घटी घटना में भी जो व्यक्ति गिरफ्तार हुआ था, वह भी कुछ दिनों पहले ही जेल से छूट कर आया था. ऐसे लोगों पर खासतौर से नजर रखने के लिए सभी थानों को कहा गया है.
शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने के आरोप में अब तक सभी विभागों में सभी रैंक के 808 अधिकारियों एवं कर्मियों पर कार्रवाई हो चुकी है. सरकारी कर्मियों के खिलाफ अब तक 400 एफआइआर हो चुकी है. 259 को सेवा से बर्खास्तगी, जेल जैसे वृहद दंड दिये जा चुके हैं.
डीजीपी ने बताया कि अब तक 60 थानेदारों को डिबार कर दिया गया है और उनकी 10 सालों तक किसी थाने में पोस्टिंग नहीं होगी. 206 पुलिस कर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है, जिसमें दो इंस्पेक्टर, 30 दारोगा, 37 जमादार, 128 सिपाही और नौ चौकीदार शामिल हैं.
245 को वृहद दंड दिया जा चुका है, जिसमें चार इंस्पेक्टर, 64 दारोगा, 60 चौकीदार समेत अन्य स्तर के कर्मी शामिल हैं. अब तक 324 के खिलाफ एफआइआर और 257 पुलिस वालों के खिलाफ आरोप पत्र समर्पित किये जा चुके हैं. डीजीपी ने कहा कि लापरवाह पुलिस वालों पर लगातार सख्त कार्रवाई करने का सिलसिला जारी है.
Posted by Ashish Jha