हिंदी की सुप्रसिद्ध लेखिका और कथाकार मन्नू भंडारी (Mannu Bhandari) का सोमवार यानी 15 नवंबर को निधन हो गया. सोशल मीडिया के जरिए लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं. उनके प्रसिद्ध उपन्यासों में आपका बंटी और महाभोज सबसे चर्चित उपन्यास थे. आपका बंटी से उन्हें खासा शोहरत मिली. इस उपन्यास में प्यार, शादी, तलाक और शादीशुदा रिश्ते से बनते-बिगड़ते की कहानी है. इसपर ‘समय की धारा’ नामक फिल्म भी बनी थी.
इस फिल्म में शत्रुघ्न सिन्हा, शबाना आज़मी, विनोद मेहरा और टीना मुनीम मुख्य भूमिकाओं में थे. लेकिन इस फिल्म में उनके उपन्यास को गलत ढंग से दिखाये जाने की वजह से मन्नू भंडारी ने फिल्म के निर्माताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने इस फिल्म के प्रदर्शन को रोकने की मांग की थी क्योंकि इससे उनकी साहित्यिक स्थिति प्रभावित हो सकती है.
लेखक ने दावा किया कि, फिल्म निर्माताओं ने व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए उसकी कहानी को विकृत किया था और यह कॉपीराइट अधिनियम 1957 की धारा 57 के तहत इसका उल्लंघन था. हालाँकि, भंडारी की याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि ये बदलाव फिल्म संस्करण के लिए आवश्यक थे. न्यायाधीश ने कहा था कि, “मेरे विचार में प्रथम दृष्टया फिल्म किसी भी तरह से वादी की प्रतिष्ठा को नुकसान नहीं पहुंचाएगी.” भंडारी ने इसके बाद हाईकोर्ट में अपील की थी.
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फैसले से निराश भंडारी ने दावा किया था कि, फिल्म निर्माताओं ने उनकी सहमति के बिना कहानी, शीर्षक, किरदार और अंत को बदल दिया है. जबकि उपन्यास एक संवेदनशील बच्चे के मानस की खोज था, उनका तर्क है कि फिल्म निर्माताओं ने इसे “बॉम्बे फिल्म फॉर्मूला” के साथ चलने वाली एक सस्ती तलाक विरोधी कहानी में बदल दिया है. दरअसल, इस फिल्म के आखिर में बंटी की मृत्यु दिखाई गई थी, जबकि उपन्यास में ऐसा नहीं था.