पटना. सूबे के शहरी निकायों से त्योहारों में निकला तीन गुना अधिक कचरे का निबटारा उन निकायों के लिए ही चुनौती बन गया है. दशहरा से लेकर छठ पर्व की अवधि तक इन निकायों में सामान्य दिनों की तुलना में तीन गुना कचरे का उठाव हुआ. अधिकतर शहरों में प्रोसेसिंग की उचित व्यवस्था नहीं होने से यह कचरा शहर के बाहर खाली मैदानों में फेंक दिया गया है. ऐसे में प्रोसेसिंग के अभाव में पड़ा यह कचरा स्वच्छता सर्वेक्षण में मिलने वाले अंकों पर असर डाल सकता है.
दिसंबर से शुरू हुए स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 के तीसरे चरण में निकायों को 3000 अंक पाने के लिए संघर्ष करना है. इसमें सर्वाधिक 40 फीसदी यानी 1200 अंक कचरे की प्रोसेसिंग व डिस्पोजल पर मिलने हैं. कचरे का निबटारा कर उसका पुन: इस्तेमाल करने वाले निकायों को अधिक अंक मिलेंगे. मगर वर्तमान स्थित को देखते हुए निकायों को इसके लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. मालूम हो कि स्वच्छता सर्वे के तहत कुल 7500 अंक निर्धारित हैं, जिसमें सीवरेज, ड्रेनेज, सफाई सहित कई मुद्दों पर अंक दिये जाने हैं.
विशेष अभियान चला कर होगा निबटारा
हालांकि, विभाग इस मामले को लेकर गंभीर है. उपमुख्यमंत्री सह नगर विकास एवं आवास मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि त्योहारों में खास कर कचरे की मात्रा बढ़ जाती है. इसके निबटारे को लेकर विभाग के स्तर पर रणनीति बनायी गयी है. विभागीय अधिकारियों ने बताया कि इस चुनौती को अवसर के रूप में लिया जायेगा. जमा हुए कचरे से गीला कचरा अलग कर उसका खाद तैयार करने की कवायद होगी. इसको लेकर निकायों को निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही नदियों, पोखरों व घाटों की साफ-सफाई को छठ के समान ही बरकरार रखने को लेकर लोगों को जागरूक भी किया जायेगा. हालांकि, पाबंदी के बावजूद पॉलीथिन कचरा अब भी परेशानी का सबब बना हुआ है.
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फरवरी में आयेगी स्वच्छता सर्वेक्षण की केंद्रीय टीम
स्वच्छता सर्वेक्षण के इस चरण में फिलहाल नगर निकायों को वेबसाइट पर मानकों के अनुरूप जानकारी देनी है. इसके आधार पर ही फरवरी में आने वाली केंद्रीय टीम जांच करेगी और स्थिति के मुताबिक अंक निर्धारित करेगी. कचरे की प्रोसेसिंग को बढ़ाने के लिए पटना, गया, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, पूर्णिया सहित कई नगर निकायों में छोटे-छोटे कचरा प्रोसेसिंग प्लांट लगाने की योजना भी बनी है.
Posted by: Radheshyam kushwaha