Jharkhand News (पीयूष तिवारी, गढ़वा) : झारखंड के गढ़वा जिले के कुल आबादी का 89.68 प्रतिशत गरीब लोगों को सरकार की ओर से अनुदान पर मिलनेवाले खाद्यान्न योजना का लाभ मिल रहा है. इसके बावजूद अभी भी काफी संख्या में लोग राशन कार्ड बनाने के लिए प्रतीक्षा सूची में हैं. लेकिन, अब राशन कार्ड बनाने का लक्ष्य अत्यंत ही कम रह गया है. ऐसे में जिन लोगों ने नया राशन कार्ड बनवाने के लिए आवेदन दे रखा है, उन्हें लंबे समय तक इंतजार करना पड़ सकता है. क्योंकि जब तक दूसरे अयोग्य लोग अपना कार्ड सरेंडर नहीं करते या सरकार की ओर से लक्ष्य बढ़ाया नहीं जाता है, तब तक शत-प्रतिशत प्रतीक्षा सूची में लंबित लोगों को जोड़ा जाना संभव नहीं है.
गरीबों को सरकार की दो योजनाओं से खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है. इसमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (National Food Security Act- NFSA) एवं झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना (Jharkhand State Food Security Scheme- JSFSS) शामिल है.
गढ़वा जिले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गरीबों को PHH कार्ड (लाल कार्ड) एवं अंत्योदय कार्ड (पीला कार्ड) बनाये गये हैं. PHH कार्डधारियों को 5 किलो प्रति व्यक्ति के हिसाब से खाद्यान्न (गेहूं व चावल, एक रुपये प्रति किलो के हिसाब से) मिलता है, जबकि अंत्योदय कार्डधारियों को प्रति कार्ड 35 किलो खाद्यान्न का लाभ दिया जाता है.
वर्तमान अपडेट के हिसाब से इन दोनों को मिलाकर जिले के कुल 11,85,936 लोगों को सरकारी अनुदान पर अभी राशन मिल रहा है. यहां PHH के कार्ड की संख्या 2,26,463 है. इसमें 10,61,973 लोग शामिल हैं, जबकि अंत्योदय कार्डधारियों की संख्या 30,252 है, इससे 1,23,963 लोग आच्छादित हैं.
इन दोनों के अलावे झारखंड सरकार की ओर से झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना (ग्रीन कार्ड) के तहत जिले के 60,142 लोगों को अनुदान पर राशन का लाभ दिया जा रहा है. इसके अलावे APL लोगों के लिये जारी किया जानेवाला सफेद राशन कार्ड भी जिले में 5114 है़ इससे 18,424 लोग जुड़े हुए हैं. इस कार्ड पर अभी सिर्फ केरोसिन तेल का लाभ मिल रहा है.
अनुदान पर अनाज लेने के लिये कार्ड बनवाने के लिए लंबित लंबी प्रतीक्षा सूची को देखते हुए झारखंड सरकार की ओर से झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना को शुरू कर ग्रीन कार्ड बनाकर काफी संख्या में लोगों को एडजस्ट किया गया है. अब इस कार्ड का लक्ष्य मात्र 8 सदस्य को जोड़ना ही रह गया है, लेकिन लंबित प्रतीक्षा सूची में हजारों लोग कतारबद्ध हैं. ऐसे में इसमें शामिल होने की होड़ लगी है और हर दिन जिला आपूर्ति कार्यालय में लोगों की भीड़ लग रही है़ इसी तरह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम में मात्र 115 लोगों को जोड़ने का लक्ष्य ही शेष रह गया है़
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साल 2011 की जनगणना के अनुसार, गढ़वा जिले की करीब 13 लाख की आबादी निवास करती है. अभी इसमें से 89.68 प्रतिशत लोगों को अनुदान पर खाद्यान्न योजना का लाभ मिल रहा है. नया कार्ड बनवाने या बने हुए कार्ड का सदस्य बनने के लिए जिले में हजारों की संख्या में लोग अभी भी ऑनलाइन कराकर प्रतीक्षा सूची में हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि जिले में आखिर कितने लोग गरीब हैं? इसकी वास्तविक संख्या क्या है? साल 2011 में की गयी सामाजिक- आर्थिक जनगणना के बाद जिले में करीब 11 सालों से गरीबों की संख्या ज्ञात करने के लिए दूसरी कोई गणना नहीं हुई है. इसलिए कई अयोग्य लोग भी अनुदान पर मिलनेवाले राशन का लाभ ले रहे हैं.
Posted By : Samir Ranjan.