Gopashtami Puja 2021: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन गोपाष्टमी पर्व मनाया जाता है. इस दिन गायों की पूजा और प्रार्थना की जाती है. . यह खास पर्व भगवान कृष्ण (Lord Krishna) को अर्पित होता है और इस दिन गौ वंश की सेवा कर उनसे आशीर्वाद लिया जाता है.
Gopashtami Puja 2021: जानिए गोपाष्टमी का महत्व
मान्यता है कि भगवान कृष्ण कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गाय को चराने के लिए पहली बार घर से निकले थे. तभी से इस तिथि को गोपाष्टमी के रूप में मनाया जाने लगा. ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर इंद्र देव के प्रकोप से गोप और गोपियों की रक्षा की थी. गोपाष्टमी पर्व ब्रज में काफी धूमधाम से मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन गाय और उसके बछड़े की पूजा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
Gopashtami Puja 2021: जानें, पूजन विधि और शुभ मुहूर्त
बता दें कि इस साल गोपाष्टमी का शुभ मुहूर्त 12 नवंबर को सुबह 6:49 मिनट से शुरू होगा और 13 नवंबर को सुबह 5 बजकर 51 मिनट पर खत्म होगा.
Gopashtami Puja 2021: गोपाष्टमी की पूजा विधि
गोपाष्टमी के दिन सुबह उठने के बाद गायों को स्नान कराएं. गंध-पुष्प आदि से गायों की पूजा करने के बाद ग्वालों को उपहार आदि देकर उनका सम्मान करना चाहिए. इस दिन गायों को सजाया जाता है. साथ ही, भोजन कराएं और उनकी परिक्रमा करें. कहते हैं इस दिन थोड़ी दूर तक गायों के साथ चलना चाहिए. शाम के समय गायों के वापस आने पर उनका पंचोपचार पूजन करके उन्हें कुछ खाने को दें. आखिर में गौमाता के चरणों की मिट्टी को माथे पर लगाएं और उन्हें हाथ जोड़कर प्रणाम करें. मान्यता है कि ऐसा करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है.