Varanasi News: गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए काशी में अब डीजल की जगह सीएनसी आधारित बोट चलेंगी. इस बार देव दीपावली के वक्त लोगों को गंगा का मनोरम दृश्य दिखाने के लिए बड़े पैमाने पर सीएनजी बोट चलेंगी. इस बड़े फैसले के बाद गंगा दुनिया की पहली नदी होगी, जहां इतने बड़े पैमाने पर सीएनजी आधारित बोट चलेंगी.
वाराणसी में विश्व प्रसिद्ध देव् दीपावली काफी भव्य और व्यापक स्तर पर मनाई जाती है. इस दिन पूरी दुनिया भर से सैलानियों का जमावड़ा घाटों पर लगता है, जिसकी वजह से यहां सभी गंगा में नौकाओं पर बैठकर नजारा देखने वालों की वजह से गंगा में जाम की स्थिति बन जाती थी. इस परिस्थिति में डीजल से निकले वाले प्रदूषण से पर्यावरणीय खतरा बढ़ जाता है.
दरअसल, पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछली देव दीपावली पर काशी में क्रूज़ से गंगा की सैर की थी, उसी दौरान डीजल से चलने वाली बोट के जहरीले धुएं और शोर से गंगा को मुक्ति दिलाने का निर्णय लिया गया था. आने वाले समय में गंगा में शत प्रतिशत बोट सीएनजी से चलाने की योजना है. प्रशासन द्वारा भी गंगा में चलने वाली सभी मोटर बोट को जल्द सीएनजी से चलाने का निर्णय लिया गया है.
काशी के 84 घाटों की छटा का लुत्फ़ उठाने यहां सालभर सैलानियों का आना जाना लगा रहता है. ऐसे में गंगा में बोट का चलना आम बात है. 19 नवंबर को विश्व प्रसिद्ध देव् दीपावली को देखते हुए प्रशासन ने यह निर्णय लिया है, कि इस बार गंगा में बोट का जमावड़ा और डीज़ल के बढ़ते प्रदूषण को रोकते हुए सीएनजी बोट को संचालित किया जाएगा, ताकि पर्यावरणीय खतरा कम हो सके.
सीएनजी नौकाओं के लिए घाट पर ही फिलिंग स्टेशन हैं. इसकी खासियत ये होगी कि सीएनजी बोट डीजल इंजल के अपेक्षा आधे खर्चे में दोगुनी दूरी तय करेगी. धुआं और तेज आवाज नहीं होने से पर्यटकों को भी अच्छा लगेगा. गंगा में फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन की भी योजना है. इससे गंगा के बीच में भी सीएनजी भरी जा सकेगी. गंगा में क़रीब 1700 छोटी-बड़ी नावें चलती हैं. इनमे से करीब 500 बोट डीजल इंजन से चलने वाली है. लगभग 177 बोट में सीएनजी इंजन लगा चुका है. बचे हुए मोटर बोट को देव दीपावली तक सीएनजी इंजन से चला देने का लक्ष्य है.
रिपोर्ट- विपिन सिंह