पटना. चार दिनों तक चलने वाला भगवान सूर्य की उपासना का महापर्व छठ सोमवार से नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया. मंगलवार को खरना, बुधवार को अस्ताचलगामी और गुरुवार को उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ महापर्व का समापन होगा.
छठ पर आपदा प्रबंधन विभाग ने राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र शुरू किया है. यह 24 घंटे काम करेगा. यहां 0612-2294204, 2294205 सहित टॉल फ्री नंबर 1070 पर फोन कर कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत व परेशानी की सूचना दे सकता है.
आज राजधानी पटना के विभिन्न गंगा घाटों पर अहले सुबह घाटों पर जाकर छठव्रतियां अपने परिजनों के साथ स्नान किया. उसके बाद छठव्रतियां गंगा जल लेकर घर लौट गयी. इसके बाद पूरे विधि -विधान के साथ व्रत करने वाले श्रद्धालु गंगा स्नान के बाद अरवा चावल, चना दाल, कद्दू की सब्जी के साथ आंवले की चटनी ग्रहण किया. नहाय-खाय का प्रसाद ग्रहण करने का सिलसिला शाम तक चला.
पंडित राकेश झा के अुनसार इस बार छठ महापर्व पर ग्रह-गोचरों के शुभ संयोग बन रहा है. यह पर्व पारिवारिक सुख समृद्धि और मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए व्रती पूरे विधि-विधान से छठ का व्रत करेंगी.
इस पर्व को करने से रोग, शोक, भय आदि से मुक्ति मिलती है. छठ व्रत करने की परंपरा ऋग्वैदिक काल से ही चला आ रहा है. वहीं बुधवार 10 नवंबर को सायंकालीन अर्घ पर गजकेसरी तथा अनफा योग का संयोग बन रहा है. जबकि 11 नवंबर गुरुवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य पर पराक्रम योग रहेगा.
पंडित गजाधर झा ने बताया कि छठ महापर्व खासकर शरीर, मन तथा आत्मा की शुद्धि का पर्व है. वैदिक मान्यताओं के अनुसार नहाय-खाय से छठ के पारण सप्तमी तिथि तक उन भक्तों पर षष्ठी माता की कृपा बरसती है जो श्रद्धापूर्वक व्रत-उपासना करते है.
प्रत्यक्ष देवता सूर्य को पीतल या तांबे के पात्र से अर्घ्य देने से आरोग्यता का वरदान मिलता है. झा के अनुसार सूर्य को आरोग्य का देवता माना गया है. सूर्य की किरणों में कई रोगों को नष्ट करने की क्षमता है.
Posted by Ashish Jha