पटना में छठ महापर्व की तैयारियां जोरों पर है. जिला प्रशासन ने घाटों को तैयार करने के लिए तमाम ताकतें झोंक दी है. पटना के प्रमुख घाटों में शामिल महेंद्रू और कलेक्ट्रेट घाट पर अभी भी छठ पूजा को लेकर अंतिम तैयारी बांकी है. प्रशासन के सामने यहां कई चुनौतियां अभी भी हैं.
कलेक्ट्रेट और महेंद्रू घाट पर छठ पूजा को लेकर प्रशासन अभी पूरी तैयारी नहीं कर सका है. दरअसल गंगा में बाढ़ के कारण पानी काफी आगे तक आ चुका था. लेकिन अब जलस्तर भी तेजी से घटा है. महेंद्रू और कलेक्ट्रेट घाट पर पानी काफी दूर जा चुका है. जिसके कारण अब सबसे बड़ी चुनौती वहां तक व्रतियों व अन्य श्रद्धालुओं को पहुंचने में होगी. प्रशासन ने अब वैकल्पिक रास्ते के सहारे वहां तक पहुंचाने की तैयारी भी शुरू कर दी है.
प्रभात खबर की टीम आज दोनों घाटों का हाल देखने पहुंची. आज दोपहर पटना जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बैठक की. छठ घाटों का निरीक्षण करने नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर भी मौके पर थे. पटना डीएम व कमिश्नर के साथ पटना एसएसपी भी घाटों का जायजा लेने और समस्या का समाधान खोजने मौके पर जुटे.
पटना कमिश्नर संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि अभी दोनों घाटों पर पहुंचने के लिए कई चुनौतियां सामने आ रही हैं. पीपा पुल के सहारे घाट तक पहुंचा जा सकता था लेकिन बीच में अभी गंगा का जलस्तर लगातार घट रहा है. जिसके कारण पहुंच पथ पीपा के सहारे तैयार नहीं किया जा पा रहा है.
पटना कमिश्नर ने बताया कि प्रशासन ने अभी वैकल्पिक व्यवस्था भी की है. बांस घाट के पास से एक एप्रोच सड़क तैयार किया गया है जिससे कलेक्ट्रेट घाट तक पहुंचा जा सकेगा. उन्होंने बताया कि प्रशासन पीपा पुल के सहारे रास्ता तैयार करने में भी जुटा है लेकिन अभी इसपर कुछ नहीं कहा जा सकता.
बता दें कि पटना में महेंद्रू और कलेक्ट्रेट घाट के अलावे दीघा के तमाम घाटों पर तैयारियां जोरों पर है. जेपी सेतू के समीप कई घाट तैयार किये गये हैं.जहां तैयारियों जोरों पर है. घाट बनाने का काम भी तेजी से चल रहा है. वहीं घाटों पर शौचालय और चेंजिंग रुम के अलावा लाइटिंग की भी पूरी व्यवस्था की जा रही है. घाट के आस-पास का एरिया भी तैयार किया जा रहा है.
इस बार गंगा का जलस्तर तेजी से घट रहा है. रोज दो फीट के करीब पानी का स्तर गिर रहा है. घाट पर पानी के अंदर थोड़ी दूरी पर बांस-बल्ले के साथ बैरिकेडिंग की जा रही है. इसके आगे जाने पर मनाही रहेगी. वहीं बांस-बल्ले के साथ जाली भी लगाया जाएगा. ताकि किसी भी तरह व्रती या गंगा स्नान करने वाले आगे नहीं निकल पाएं. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान बड़ी संख्या में तैनात रहेंगे. गोताखोरों को भी गंगा में पहरेदारी पर रखा जाएगा.
Published By: Thakur Shaktilochan