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Diwali Puja Timing, Vidhi, Mantra and Samagri List: ऐसे करें लक्ष्मी-गणेश का पूजन

Diwali 2021 Puja Vidhi, Muhurat, Mantra and Samagri List: दीपावली पर गणेश-लक्ष्मी पूजन का सबसे शुभ मुहूर्त शाम को 06.10 से 8.00 बजे तक है. आइए जानते है दीपावली के दिन किस तरह लक्ष्मी-गणेश का पूजन करना चाहिए...

दीपावली का पांच दिवसीय महापर्व 02 नवंबर से शुरू होकर 06 नवंबर तक मनाया जा रहा है. इसके साथ ही इस दिन धन के देवता कुबेर, मां सरस्वती और मां काली का भी पूजन किया जाता है. दीपावली पर गणेश-लक्ष्मी पूजन का सबसे शुभ मुहूर्त शाम को 06.10 से 8.00 बजे तक है. आइए जानते है दीपावली के दिन किस तरह लक्ष्मी-गणेश का पूजन करना चाहिए…

दीपावली की पूजन सामग्री

दीपावली के पांच दिवसीय महापर्व में सभी देवी-देवताओं के पूजन में सबसे पहले उन्हें तिलक करने और उनका स्वागत करने के लिए रोली, कुमुकम, अक्षत (चावल), केसर, अबीर-गुलाल,हल्दी,चंदन, सिंदूर की जरूरत पड़ती है. इसके बाद देवताओं का स्वागत धूप, अगरबत्तियां, दीपक, रूई, कलावा, जनेऊ, वस्त्र, इत्र और फूल चढ़ा कर किया जाता है.

पूजा मुहूर्त:

  • लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल मुहूर्त – 06:09 PM से 08:04 PM

  • लक्ष्मी पूजा निशिता काल मुहूर्त – 11:39 PM से 12:31 AM, नवम्बर 05

  • अमावस्या तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 04, 2021 को 06:03 AM बजे

  • अमावस्या तिथि समाप्त – नवम्बर 05, 2021 को 02:44 AM बजे

लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्त:

  • प्रातः मुहूर्त (शुभ) – 06:35 AM से 07:58 AM

  • प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) – 10:42 AM से 02:49 PM

  • अपराह्न मुहूर्त (शुभ) – 04:11 PM से 05:34 PM

  • सायाह्न मुहूर्त (अमृत, चर) – 05:34 PM से 08:49 PM

  • रात्रि मुहूर्त (लाभ) – 12:05 AM से 01:43 AM, नवम्बर 05

लक्ष्मी पूजा की विधि:

  • दिवाली पर लक्ष्मी पूजा से पहले पूरे घर की साफ-सफाई कर लें। घर में गंगाजल का छिड़काव करें

  • घर को अच्छे से सजाएं और मुख्य द्वार पर रंगोली बना लें

  • पूजा स्थल पर एक चौकी रखें और उस पर लाल कपड़ा बिछाकर वहां देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें

  • चौकी के पास जल से भरा कलश रख दें

  • माता लक्ष्मी और गणेश जी की प्रतिमा पर तिलक लगाएं और उनके समक्ष घी का दीपक जलाएं

  • दीपक जलाकर उन्हें जल, मौली,गुड़, हल्दी, चावल, फल, अबीर-गुलाल आदि अर्पित करें

  • इसके बाद देवी सरस्वती, मां काली, श्री हरि और कुबेर देव की विधि विधान पूजा करें

  • महालक्ष्मी पूजा के बाद तिजोरी, बहीखाते और व्यापारिक उपकरणों की पूजा करें

  • अंत में माता लक्ष्मी की आरती जरूर करें और उन्हें मिठाई का भोग लगाएं

  • प्रसाद घर-परिवार के सभी सदस्यों में बांट दें

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