NSA Meeting On Afghanistan अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से ही वहां की स्थिति काफी खराब होती जा रही है. इसी के मद्देनजर भारत की ओर से 10 नंवबर को एनएसए स्तर की बैठक आयोजित की गई है. इस बैठक में शामिल होने के लिए पाकिस्तान को भी निमंत्रण भेजा गया है. हालांकि, अब पाकिस्तान ने इस बैठक को लेकर नया पैंतरा अपनाया है. उसने बैठक में शामिल होने के लिए भारत के अनुरोध को ठुकरा दिया है.
पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार यानि एनएसए मोईद युसूफ ने मंगलवार को कहा कि वह अफगानिस्तान पर 10 नवंबर को होने वाले सम्मेलन के लिए भारत की यात्रा नहीं करेंगे. मोईद युसूफ ने अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने वाले देश के रूप में भारत की भूमिका खारिज कर दी. बता दें कि भारत ने अपने एनएसए अजीत डोभाल की मेजबानी में अफगानिस्तान पर आयोजित किये जा रहे क्षेत्रीय सम्मेलन में शरीक होने के लिए पाकिस्तान को न्योता दिया था.
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, पाकिस्तान एनएसए मोईद युसूफ ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वह अफगानिस्तान पर 10 नवंबर को भारत में होने वाले सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे. वहीं, एक सवाल के जवाब में मोईद युसूफ ने कहा कि एक बिगाड़ने वाला शांतिदूत की भूमिका नहीं निभा सकता, इसलिए बैठक में नहीं जाएंगे.
इससे पहले, पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने भारत से मिले न्योते की पुष्टि की थी. हालांकि, कहा था कि इस बारे में फैसला उपयुक्त समय पर किया जाएगा. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि पाकिस्तान का फैसला परमाणु आयुध से लैस दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंधों की मौजूदा स्थिति पर आधारित होगा.
मोईद युसूफ ने कहा कि पश्चिमी देशों के लिए दस हजार मील दूर बैठना सुखद होगा. लेकिन, अफगानिस्तान से दूर रहने का हमारे पास कोई विकल्प नहीं है. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से बातचीत करना पाकिस्तान के लिए एक राजनीतिक विषय नहीं है. बल्कि, एक मानवीय विषय है और यह हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है.
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