गया दीपावली में मिलावटी पनीर और मिठाई का कारोबार हमेशा से एक चुनौती रहा है. हर साल इस गोरखधंधे को रोकने के लिए फूड लाइसेंस विभाग के अधिकारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है. हालांकि, इस बार जिले के लिए थोड़ी राहत की खबर है. बनारस से बड़ी मात्रा में आने वाले आर्टिफिशियल पनीर पर लगाम लगी है. यह दावा है फूड इंस्पेक्टर मुकेश कश्यप का. उनके मुताबिक खाद्य विभाग और रेल प्रशासन के संयुक्त प्रयास से बनारस से ट्रेन से लाये जाने वाले आर्टिफिशियल पनीर की लगातार जांच की जा रही है.
इस कारण इस धंधे में लगे लोग आर्टिफिशियल पनीर लेकर नहीं आ पा रहे हैं. उन्होंने बताया कि छापेमारी कर ऐसे पनीर को जब्त किया जा रहा है. फूड इंस्पेक्टर ने बताया कि सासाराम से सब स्टैंडर्ड पनीर मंगा कर बेचा जाता है, इसे भी रोकने के लिए छापेमारी की जा रह है. उन्होंने बताया कि बीते दो दिनों में लगभग 20 दुकानों से सैंपल जांच के लिए लिये गये हैं. इसमें खराबी पायी गयी, तो दोषी दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
ऐसे पहचानें खोवा और पनीर की क्वालिटी
फूड इंस्पेक्टर ने बताया कि जब भी दुकान में खोवा या पनीर खरीदने जाएं, तो कुछ बेसिक प्रयोग से ही उसकी क्वालिटी की जांच की जा सकती है. उन्होंने बताया कि खोवा या उससे बनी मिठाई को थोड़ा तोड़ें और अंगूठे से प्रेस करें. अगर उसमें से घी निकलता है, तो वह खोवा ठीक है. अगर प्रेस करने पर उसमें से घी नहीं निकलता है, तो इसका मतलब यह है कि खोवा में खराबी है.
पनीर के संबंध में उन्होंने कहा कि जो पनीर बेहतर क्वालिटी का होगा, वह कड़ा होगा. ऐसे पनीर जम जाते हैं और कड़े हो जाते हैं. वहीं, आर्टिफिसियल यानी नकली पनीर साॅफ्ट बना रहता है. फूड इंस्पेक्टर ने कहा कि मिलावटी खोवा व पनीर खाने से हृदय, लीवर, किडनी, आंत को नुकसान पहुंचता है. इसके साथ ही सांस, पेट की बीमारी, गाॅल ब्लाडर के कैंसर जैसी बीमारियों के होने का खतरा बना रहता है.
Posted by: Radheshyam Kushwaha