Jharkhand Student Parliament रांची : विधानसभा द्वारा आयोजित ‘छात्र संसद’ में संसदीय व्यवस्था का गुर सीखने आये छात्रों ने लंबी लकीर खींची. बिना हो-हल्ला और हंगामे के मुद्दों पर बात कर एक आदर्श सदन की मिसाल कायम की. प्रतिपक्ष की ओर से छात्रों ने सरकार को घेरा, तो मुख्यमंत्री, मंत्री की भूमिका निभा रहे छात्रों ने शालिनता से जवाब भी दिया. पर्यावरण से लेकर छात्रों की समस्या और विकास पर चर्चा हुई. विधेयक पारित कराने में स्पीकर ने सारे तकनीकी पहलू व नियमों का पालन किया. स्पीकर के चयन से लेकर अल्प सूचित व तारांकित प्रश्नों पर विपक्ष ने सवाल किया, तो सत्ता पक्ष सरकार की भूमिका में खरा उतरा.
छात्र संसद में छात्रों ने झारखंड वृक्ष संरक्षण विधेयक-2021 पर बहस की. छात्रों ने मौलिक सवाल उठाये. विपक्ष के कई संशोधन अस्वीकार किये गये, तो वहीं विपक्ष के एक संशोधन को बेहतर मानते हुए सरकार ने भी स्वीकार किया. छात्र संसद में प्रति कुमारी विश्वकर्मा बतौर मुख्यमंत्री अपने उत्तर से विपक्ष को संतुष्ट करने का हर संभव प्रयास किया, तो प्रतिपक्ष की नेता नूपुर माला का भाषण तथ्यपरक रहा़ वन मंत्री की भूमिका में मनीष कुमार मिश्रा ने विधेयक पर चर्चा को दौरान प्रतिपक्ष के सवालों को सुलझाने का प्रयास किया.
सत्ता पक्ष से श्वेता सिंह, स्मृति राज, सिद्धार्थ कश्यप, अमिदिपेश सागर ने प्रतिपक्ष से बखूबी सरकार का बचाव किया. वहीं, विपक्ष से कौरवी पात्रा, इरम जिलानी, सभ्यता भूषण, बमभोला उपाध्याय, सलोनी, श्वेता कुमारी, विकेश कुमार राम ने सरकार से कई सवाल पूछे.
कार्यक्रम के समापन के मौके पर स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने कहा कि प्रतिस्पर्द्धा होनी चाहिए. यही मेहनत के लिए प्रेरित करता है. संसदीय व्यवस्था में गिरावट आयी है, मैं यह मानता हूं. इसमें सुधार की जरूरत है. कानून कैसे बनता है, इसकी बारीकियों को सीखने का मौका है. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन में आदर्श नागरिक बनने के लिए ज्ञान होना जरूरी है. लोकतंत्र में अधिकार व कर्तव्य का महत्व है. छात्र जीवन में कई चुनौतियां होंगी. ऐसे कार्यक्रम से उन चुनौतियों से लड़ने का हौसला मिलेगा. उन्होंने छात्रों से कहा कि अगर आप विधानसभा की कार्यवाही देखना चाहते हैं, तो आपका स्वागत है.
Posted By : Sameer Oraon