Jharkhand News, Ranchi News रांची : चुरचू एफपीओ ने एक साल में 750 किसानों को जोड़ा और करीब 50 लाख रुपये का कारोबार किया है. इसमें 30 लाख रुपये का डिजिटल पेमेंट भी शामिल है. चुरचू एफपीओ (चुरचू वाडी फल सब्जी फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी) का 2020 में गठन किया गया था. झारखंड ग्रामीण बैंक ने इस एफपीओ के शानदार काम को देखते हुए 10 लाख रुपये का क्रेडिट गारंटी दिया है.
देश में किसी एफपीओ को पहली बार क्रेडिट गारंटी मिली है. अब यह देश में रोल मॉडल बन चुका है. केंद्र ने देश के सभी किसान उत्पादक समूह यानी एफपीओ को चुरचू मॉडल अपनाने के लिए कहा है. भारत सरकार के कृषि विभाग की संस्था लघु किसान एवं कृषि व्यापार मंडल (एसएफएसी) ने इसके मॉडल की सराहना की है. चुरचू का यह कृषक समूह अपना पूरा काम इ-नैम के माध्यम करता है.
दो साल में बने थे 88 एफपीओ, तीन माह में बनाये गये 90 : कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की बाजार समिति के माध्यम से पिछले दो साल में 88 एफपीओ बनाये गये थे. पिछले तीन माह में 90 एफपीओ का निबंधन कराया गया है. अब राज्य में 178 से अधिक एफपीओ काम कर रहे हैं.
राज्य में इ-नैम पोर्टल के माध्यम से वर्ष 2020-21 में 31352 क्विंटल अनाज का कारोबार हुआ. इतना अनाज करीब सात करोड़ रुपये में बिका. किसानों को इ-पेमेंट के माध्यम से साढ़े चार करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस साल करीब 270 फीसदी की वृद्धि इ-नैम के ट्रेड में हुई है. विभाग को इस साल करीब आठ करोड़ रुपये का कारोबार इ-नैम से होने की उम्मीद है.
एफपीओ किसानों का एक समूह होता है, जहां किसान अपने-अपने खेत में फसल तैयार करते हैं. फसल बिक्री करने के एक लिए जगह जमा हो जाती है. वहां से एकमुश्त उपज की बिक्री होती है. बिक्री के बाद राशि उपज के हिसाब से किसानों को दी जाती है. इसके संचालन के लिए कमेटी बनायी जाती है, जो बिक्री और खरीद का हिसाब रखती है.
Posted By : Sameer Oraon