पटना. बिहार के जूनियर डॉक्टरों एक बार फिर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं. सुबह 10 बजे से पीएमसीएच समेत सभी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस इंटर्न स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर कार्य बहिष्कार कर दिया है. इससे ओपीडी में जहां सैकड़ों मरीजों की परेशानी बढ़ गयी है. इमरजेंसी वार्ड में भी सीनियर डॉक्टरों पर दवाब बढ़ गया है.
जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि पिछले 2013 से इंटर्न को महज 15 हजार स्टाइपेंड मिलता आ रहा है, जबकि कई बार मांग पत्र देने और आंदोलन के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्टाइपेंड बढ़ोतरी को लेकर आश्वासन भी दिया गया था.
8 साल बाद भी स्टाइपेंड में बढ़ोतरी नहीं हुई है. ऐसे में अब काम कर पाना मुश्किल है. जूनियर डॉक्टरों ने साफ कहा है इस बार आर-पार की लड़ाई होगी जब तक मांगें पूरी नहीं होती है तब तक कोई भी मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर ड्यूटी पर वापस नहीं लौटेंगे.
हड़ताली डॉक्टरों का कहना है कि हमारा आंदोलन जारी रहेगा. हड़ताल पर गए सभी जूनियर डॉक्टर 2016 बैच के हैं, जो कि हड़ताल पर जाने के बाद ओपीडी और सभी डिपार्टमेंट में घूम-घूमकर कार्य बाधित करवा रहे हैं.
जूनियर डॉक्टरों की मांग को जायज बताते हुए आईएमए ने भी इसका समर्थन कर दिया है और सरकार से अतिशीघ्र मांगों पर विचार इंटर्न के स्टाइपेंड को 15000 से बढ़ाकर 50 हजार करने की मांग की है.
Posted by Ashish Jha