गुमला : पुलिस ने परिवार के सदस्यों को पीटा. डर से अजीत भगत ने आत्महत्या कर ली थी. अजीत को डर था कि पुलिस उसकी बेरहमी से पिटाई करेगी. इसलिए वह अपने परिवार के सदस्यों की पिटाई होता देख डर से कमरे में घुस गया और आत्महत्या कर ली थी. यह खुलासा मृतक अजीत के परिजनों व ग्रामीणों ने किया है. मृतक अजीत 15 अक्तूबर को गुरदरी क्षेत्र में हुए सामूहिक दुष्कर्म का आरोपी था. परिजनों के अनुसार अजीत सरेंडर करने के लिए तैयार था. परंतु पुलिस की पिटाई व दबाव के डर से वह आत्महत्या कर ली.
मृतक की मां धनमनिया भगत, पिता डेबला भगत व ग्रामीणों ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा है कि अजीत भगत ने पुलिस के डर के कारण फांसी लगायी है. मृतक के पिता ने कहा कि घटना के अगले दिन मैं खेत में काम कर रहा था. उस दिन पुलिस आयी और मुझे व मेरे बड़े बेटे अशोक भगत के साथ मारपीट करने लगी. पुलिस हमलोगों को गुरदरी थाना ले गयी. इस दौरान हमलोगों की आवाज सुन कर मेरा छोटा बेटा अजीत भगत (मृतक) डर गया और घर के एक कमरे में घुस कर फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली थी.
मृतक की मां धनमनिया भगत ने कहा कि जब मेरे बड़े बेटे व पति को पुलिस थाना ले गयी. तब मैं भी पीछे-पीछे थाना गयी थी. जब वापस घर आयी, तो देखा की दरवाजा बंद है. दरवाजा तोड़वाने के बाद जब अंदर गये, तो देखा की मेरा छोटे पुत्र ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली है. जब अपने मृत बेटे का शव लेकर हमलोग थाना गये. तब पुलिस ने मेरे पति, बड़ा बेटा को छोड़ा. गांव की दशमी कुमारी, जया देवी, सुलेखा देवी, पानो भगत, रामकिशोर भगत, नहियारी देवी, लालसाय भगत, दिनेश भगत, वलिस्टर भगत, शिवराज भगत ने कहा कि युवकों को दुष्कर्म के झूठा केस में फंसाया जा रहा है. हमलोग पुलिस के दबाव में है. 19 अक्तूबर की देर शाम को शनि देवल भगत ने थाना से फोन कर सुलेखा के मोबाइल में कहा था कि तुम सभी लोग गुरदरी थाना चले जाओ. वहां बड़ा बाबू से मिल लेना और हमारा सामान ला देना.