गुमला : गुमला जिले के 12 प्रखंडों के 159 पंचायतों में 14वें वित्त आयोग से सौर ऊर्जा जलापूर्ति योजना की स्थापना की गयी है. ताकि गांव के लोगों को शुद्ध पानी 24 घंटे मिल सके. परंतु जिले में पंचायत के फंड से स्थापित सोलर जलमीनार में बड़ा घोटाला हुआ है. काम में अनियमितता भी बरती गयी है. 70 प्रतिशत जलमीनार बेकार पड़ी हुई है या फिर जलमीनार की मशीन खोल कर ठेकेदार ले गया और दूसरी जलमीनार में लगा दिया.
जलमीनार लगाने में राशि की भी हेराफेरी हुई है. गुणवत्ता भी ठीक नहीं है. जलमीनार के इस घपले-घोटाले में बीडीओ, पंचायत सेवक, मुखिया, इंजीनियर, लाभुक समिति के अध्यक्ष व वेंडर शामिल हैं. इस संबंध में ग्रामीण विकास विभाग पंचायती राज के संयुक्त सचिव ने गुमला के उपविकास आयुक्त को पत्र लिखा है.
संयुक्त सचिव ने कहा है कि अपने जिले में 14वें वित्त आयोग की राशि से क्रियान्वित सौर ऊर्जा आधारित जलापूर्ति योजनाओं की समीक्षा करें. साथ ही इसमें अनियमितताओं के लिए दोषी मुखिया, पंचायत सचिव, प्रखंड विकास पदाधिकारी, इंजीनियर, लाभुक समिति के अध्यक्ष, वेंडर के खिलाफ कार्रवाई करें. अधिक भुगतान की गयी राशि की वसूली करे. साथ ही आवश्यकतानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई अथवा प्राथमिकी दर्ज करायी जाये.
जिन-जिन गांव में जलमीनार की स्थापना हुई है. अगर जलमीनार खराब हो जाये तो इसकी पांच साल तक मरम्मत करनी है. इसके लिए संबंधित ठेकेदार से एग्रीमेंट करना था. परंतु अधिकारियों से मिल कर लाभुक समिति ने जलमीनार की स्थापना जैसे तैसे करा दी. पांच साल तक मरम्मत के लिए 60 हजार रुपये का फंड था. जिले में 70 प्रतिशत लाभुकों ने जलमीनार की मरम्मत के लिए ठेकेदार से एग्रीमेंट नहीं किया. यही वजह है. आज कई गांवों में जलमीनार खराब है. जिसकी मरम्मत नहीं हो रही है.
बीडीओ, पंचायत सेवक, मुखिया, इंजीनियर, लाभुक समिति के अध्यक्ष व वेंडर के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश
गुमला जिले के सभी 12 प्रखंडों में 14वें वित्त आयोग से पंचायत के फंड से सोलर जलमीनार की स्थापना की गयी थी
गांवों में जलमीनार की स्थापना की गयी. परंतु यह बेकार पड़ी है. या फिर मशीन खोल कर ठेकेदार ले गया है.