श्रीनगर : भारतीय सेना के जवानों ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर के जंगलों में 6 आतंकवादियों को ढेर कर दिया है. सेना के जवानों के हाथों मारे गए सभी आतंकवादी पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के बताए जा रहे हैं. इसके साथ ही, खबर यह भी है कि अभी हाल में पुंछ में हुए आतंकी हमले की जिम्मेवारी नए आतंकवादी संगठन पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ) ने ली है. इस नए आतंकवादी संगठन ने एक वीडियो जारी कर पुंछ हमले की जिम्मेवारी ली है.
बता दें कि राजौरी के जंगलों में पनाह लिए हुए आतंकवादियों को खोजने के लिए जारी सर्च ऑपरेशन के दौरान भारतीय सेन के नौ जवान शहीद हो गए हैं. इस घटना के बाद चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने 16 अक्टूबर को क्षेत्र का दौरा कर वहां चल रहे आतंकवाद विरोधी अभियानों को संभालने वाले स्थानीय कमांडरों के साथ चर्चा की. यह समझा जाता है कि भारतीय सेना के कमांडरों से कहा गया था कि वे सक्रिय आतंकवादियों को उनकी शर्तों पर खोजने के बजाय अभियानों में प्रतीक्षा करें या उन्हें मात दें.
इसके साथ ही, खबर यह भी है कि जम्मू-कश्मीर में सक्रिय नए आतंकवादी संगठन पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट ने “पुंछ गन-बैटल डे 1” नामक एक वीडियो जारी पुंछ हमले की जिम्मेदारी ली है. इन आतंकवादियों की ओर से जारी वीडियो तकरीबन आठ मिनट का है. इस वीडियो में एक कश्मीरी आतंकवादी को 11 अक्टूबर को सुरनकोट के पास हुए हमले में 5 भारतीय सैनिकों के शहीद होने की बात कर रहा है.
टेलीग्राम ऐप पर कई चैनलों पर साझा किए गए इस वीडियो में एक व्यक्ति कश्मीरी बोली में 11 अक्टूबर के आसपास की घटनाओं को बता रहा है, जिस दिन मुठभेड़ शुरू हुई थी. हालांकि, सेना के एक सूत्र ने इस वीडियो को प्रचार पाने का एक घटिया तरीका बताया है.
वीडियो के जरिये कश्मीरी आतंकवादी ने दावा किया है कि भारतीय सैनिकों का एक गश्ती दल जंगल में आराम कर रहा था. शाम तक 4 से 5 सैनिक भी उनके साथ शामिल हो गए. सैनिकों ने लगभग रात के 10 बजे झपकी लेने का फैसला किया और 2-3 लोगों को वहीं छोड़ दिया. ड्यूटी पर तैनात जवान ने अगले कुछ घंटे तक झपकी ले रहे थे. आतंकवादी आगे दावा करता है कि एक घंटे के बाद वह देखने के लिए करीब गया. अंत में तीन सैनिकों और तंबू में सो रहे लोगों पर घात लगाकर हमला किया गया.
उसका दावा है कि तम्बू से भागने वाले को छोड़कर सभी मारे गए. यह साफ नहीं है कि भागने वालों को गोली लगी थी या नहीं. वीडियो में दावा किया गया है कि दो अज्ञात आतंकवादियों ने अगले दिन 11 अक्टूबर सुबह अपने डेरे पर घात लगाने से पहले लगभग 10 घंटे तक सेना के एक गश्ती दल को ट्रैक किया था.