जम्मू-कश्मीर में गैर-मुस्लिमों और बाहरी लोगों को आतंकियों द्वारा निशाना बनाए जाने के बाद भारी मात्रा में प्रवासी मजदूर घाटी को छोड़ने लगे हैं. उधर, खबर है कि घाटी में आतंकियों की ओर से लगातार टारगेट किलिंग की घटनाओं को अंजाम देने वाले आतंकियों की निगरानी कर रहे केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय रिजर्व सुरक्षा बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक (डीजी) कुलदीप सिंह को जम्मू-कश्मीर भेजा है. कुलदीप सिंह सीआरपीएफ के अलावा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के भी डीजी का कार्यभार संभाल रहे हैं.
समाचार एजेंसी एएनआई के एक ट्वीट के अनुसार, आतंकवादियों द्वारा गैर-कश्मीरियों की टारगेट किलिंग की हालिया घटनाओं के बाद कश्मीर के श्रीनगर से प्रवासी श्रमिकों भारी संख्या में रवाना होने लगे हैं. राजस्थान के एक प्रवासी मजदूर ने बताया कि यहां स्थिति खराब हो रही है. हम डरे हुए हैं, हमारे साथ बच्चे हैं और इसलिए अपने घर वापस जा रहे हैं.
उधर, गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि मामले को लेकर गृह मंत्रालय पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है. वहीं जम्मू-कश्मीर में खुफिया एजेंसी आईबी, एनआईए, सेना और सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी लगातार कैम्प कर रहे हैं. भारतीय एजेंसियों के इन अधिकारियों की पैनी नजर मामले से जुड़े एक-एक खुफिया इनपुट पर बनी हुई है.
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों की ओर से लगातार चलाए जा रहे सर्च अभियान के चलते आतंकियों और उनके आका बौखला गए हैं. खासकर, सुरक्षा बलों के इस अभियान का असर पाकिस्तान के हुक्मरानों पर देखने को अधिक मिल रहा है. बौखलाहट में कश्मीर के मामलों में लगातार टांग अड़ाने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भारत के खिलाफ आग उगलने से बाज नहीं आ रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मामला यहीं तक नहीं है. कश्मीर में आतंकी गतिविधियों और टारगेट किलिंग के जरिए हिंसा फैलाने के लिए सीमापार से पाकिस्तान द्वारा आतंकियों की घुसपैठ कराने के साथ ड्रोन के जरिए हथियारों की खेप भेजी जा रही है. बताया यह जा रहा है कि पाकिस्तान की ओर से ड्रोन के जरिए भेजे जाने वाले हथियारों में चीनी पिस्तौल और अन्य अत्याधुनिक हथियार भी शामिल हैं.