उत्तर प्रदेश के पूर्व आईजी अमिताभ ठाकुर को अभी जेल में ही रहना होगा. जिला कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दी है. कोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िता और उसके साथी को आत्महत्या के लिए उकसाने व षड्यंत्र रचने के आरोप में गिरफ्तार अमिताभ ठाकुर की याचिका को खारिज कर दी है.
मिली जानकारी के मुताबिक आज लखनऊ जिला न्यायालय में एडीजे पीएम त्रिपाठी ने अमिताभ ठाकुर की जमानत याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने तीन दिन पहले फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे आज सुनाया गया है. अमिताभ ठाकुर को पुलिस ने पिछले महीने गिरफ्तार कर लिया था, जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था.
क्या है पूरा मामला- बसपा सांसद अतुल राय पर एक पीड़िता ने रेप का आरोप लगाया था, जिसपर कोर्ट में सुनवाई चल रही थी. इसी बीच पीड़िता और उसके साथी ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह कर लिया. बाद में इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई थी
यूपी पुलिस ने अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी के वक्त एक बयान जारी किया था, जिसमें कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह का प्रयास करने वाली पीड़िता और उसके साथी के मौत से पहले दिए गए बयान पर पूरे मामले की जांच की गई. जिसमे संयुक्त जांच समिति ने प्रथम दृष्टया बसपा सांसद अतुल राय और रिटायर्ड आईपीएस अमिताभ ठाकुर को पीड़िता को आत्महत्या के लिए उकसाने और आपराधिक साजिश रचने का दोषी पाया था