देश में बिजली संयत्रों में ईधन की निर्बाध आपूर्ति के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय ने मास्टर प्लान बनाया है. इस मामले में केद्रीय बिजली मंत्रालय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वैसे राज्य जो बिजली की आपूर्ति के बजाय ऊंची कीमत पर बिजली बेच रहे हैं उनकी आपूर्ति बंद कर दी जायेगी. इस संबंध में हिंदुस्तान टाइम्स ने विस्तार से रिपोर्ट छापी है.
मंगलवार को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा के साथ हुई बैठक में यह योजना बनी है. बैठक में कोल इंडिया की भी उपस्थिति रही है. इस बैठक में कोयले की आपूर्ति को बढ़ाकर 2.1 मिलियन टन प्रतिदिन करने का लक्ष्य रखा गया है. हर दिन 20 लाख टन कोयले की आपूर्ति करनी होगी.
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सूत्रों के अनुसार बैठक में कोयले का परिवहन बढ़ाने के उपायों पर भी चर्चा हुई. सूत्रों के अनुसार, कोयला मंत्रालय से ईंधन आपूर्ति बढ़ाने को कहा गया है. इस बैठक में रेलवे से बिजलीघरों तक कोयले की ढुलाई को लेकर रैक उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया गया है. देश में कुल ऊर्जा उत्पादन में कोयला आधारित बिजली संयंत्रों की हिस्सेदारी करीब 70 प्रतिशत है.
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दो तिहाई कोयला पर चलने वाले बिजलीघरों में एक सप्ताह से भी कम का ईंधन बचा है. राज्य मांग को पूरा करने के लिये बिजली एक्सचेंज से महंगी बिजली खरीदने को मजबूर हो रहे हैं. राज्यों से एक्सचेंज को बिजली ऊंचे दाम पर बेचने से मना किया गया है. बैठक में स्पष्ट रणनीति बनी है कि ऐसा करने वाले राज्यों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी.