Jharkhand News, Ranchi News रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत ने गैर अनुसूचित जिलों के हाइस्कूल शिक्षक और पंचायत सचिव पद पर नियुक्तियों को लेकर दायर विभिन्न याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई की. इस दौरान प्रार्थी व राज्य सरकार का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने राज्य सरकार को शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया. कार्मिक विभाग द्वारा छह अक्तूबर को जारी पत्र को शपथ पत्र में देने को कहा.
शपथ पत्र में यह बताने को कहा गया है कि गैर अनुसूचित 11 जिलों में सरकार का क्या स्टैंड है और कब तक नियुक्ति होगी? अन्य विषयों और पदों के अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर सरकार क्या विचार कर रही है. अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 25 नवंबर की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि सरकार
सिर्फ इतिहास-नागरिक शास्त्र विषय के अभ्यर्थियों की नियुक्ति की बात कह रही है. संस्कृत और संगीत सहित अन्य विषयों के अभ्यर्थियों की नियुक्ति की बात सरकार नहीं कर रही है.
रांची. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने पंचायत सचिव, निम्न वर्गीय लिपिक और संस्कृत व इतिहास शिक्षक की नियुक्ति को लेकर दायर अवमानना याचिकाअों पर शुक्रवार को सुनवाई की. अदालत ने प्रार्थियों व सरकार का पक्ष सुना. अगली सुनवाई के लिए 22 अक्तूबर की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता मनोज टंडन और अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने पैरवी की.
उन्होंने अदालत को बताया कि गैर अनुसूचित 11 जिलों में नियुक्तियों में किसी प्रकार की कोई रोक नहीं रहने के बावजूद नियुक्ति नहीं की जा रही है. पंचायत सचिव व निम्नवर्गीय लिपिक के 3088 पदों पर नियुक्ति के लिए वर्ष 2017 से प्रक्रिया चल रही है. सितंबर 2019 में लिखित व स्किल परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों का भी सत्यापन हो चुका है, लेकिन अंतिम मेधा सूची का प्रकाशन झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने नहीं किया है. वहीं स्नातक प्रशिक्षित हाइस्कूल शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया वर्ष 2016 से चल रही है.
Posted by : Sameer Oraon