बिहार की राजधानी पटना में औषधि विभाग ने गुरुवार को राज्य की सबसे बड़ी दवा मंडी गोविंद मित्रा रोड व एसपी घोष लेन रोड में दो दवा दुकानों में छापेमारी की, जिसके दौरान करीब पांच लाख की नकली व प्रतिबंधित दवाओं को जब्त किया गया. दोनों दवा दुकान मालिकों के खिलाफ पीरबहोर थाने में एफआइआर दर्ज करने के लिए आवेदन दिया गया है.
ड्रग इंस्पेक्टर विश्वजीत दास गुप्ता ने बताया औषधि विभाग को सूचना मिली कि जीएम रोड स्थित कुणाल फार्मा व न्यू लक्ष्मी इंटरप्राइजेज दवा दुकान में नकली और बिना बिल के दवाओं की सप्लाइ की जा रही है. इसके बाद विभाग ने छापेमारी की. 10 संदिग्ध दवाओं के नमूने लिये गये, जिन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला में भेज दिया गया. जल्द ही गोविंद मित्रा रोड व शहर के अन्य इलाकों की अन्य चिह्नित दवा दुकानों में छापेमारी की जायेगी.
छापेमारी करने पहुंचे ड्रग इंस्पेक्टर अमल कुमार व अजय कुमार ने बताया कि दोनों दुकानों में 41 तरह की प्रतिबंधित दवाएं पकड़ी गयीं. इनमें सबसे अधिक हाइपरटेंशन (हाइ बीपी), गैस, एंटीबायोटिक, नींद, रैबीज इंजेक्शन सहित 41 तरह की दवाएं पकड़ी गयी हैं. विभाग ने संबंधित दवाओं की बिक्री पर तुरंत रोक लगा दी है. इनमें कुछ दवाओं को औषधि विभाग ने नकली करार दिया है.
बताया जा रहा है कि एक दवा दुकान पर फार्मासिस्ट भी मौजूद नहीं था. दोनों दवा दुकानदार नकली बिल पर दवाओं की खरीद-बिक्री करते थे. साथ ही दूसरे कारोबारियों के लाइसेंस पर भी थोक में दवाओं की खरीद-बिक्री करते थे. दोनों ड्रग इंस्पेक्टरों ने जब कारोबारियों से पक्का बिल मांगा, तो वे नहीं पाये. रोजाना बिक्री का कैशमेमो भी उपलब्ध नहीं था. कई दवाओं को फ्रिज के बाहर ही रखा गया था.
Posted by: Radheshyam Kushwaha