BPSC 65th Result 2021(सलाउद्दीन, हजारीबाग) : BPSC में सेकेंड टॉपर चंदा भारती ने कहा कि लोगों के बीच काम करने का सपना अब पूरा होगा. प्रशासनिक क्षेत्र में दायित्व मिलने के बाद शिक्षा के क्षेत्र में प्राथमिकता के आधार पर काम करने पर जोर दिया जायेगा. वहीं, पद की गरिमा को बनाकर राजनीति, सामाजिक और स्थानीय समस्याओं के दबाव के बीच उज्ज्वल बिहार मिशन के लिए काम करना और महिलाओं की परेशानियों को बहुत नजदीक से जानने के कारण महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए काम करना है. उक्त बातें चंदा भारती ने प्रभात खबर से खास बातचीत करते हुए कही.
चंदा भारती बचपन से ही नेतृत्व करने में आगे थी. माता कुंदन कुमारी के अनुसार, स्कूल और इंजीनियरिंग कॉलेज में भी अपने कक्षा में छात्रों का नेतृत्व करती थी. परिवार के लोगों से प्रशासनिक क्षेत्र में कार्य करने की प्रेरणा के कारण सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद BPSC की तैयारी शुरू की.
चंदा भारती ने बताया कि पढ़ाई के दौरान डीएवी स्कूल, पाकुड़ के प्रिंसिपल डॉ विजय कुमार यादव हमेशा प्रेरित करते थे और कहते थे कि प्रशासनिक अधिकारी बनोगी. चंदा ने कहा कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर अपने कैरियर के लिए बेहतर काम कर सकते थे, लेकिन मन में जो इच्छा थी कि समाज और राज्य के लिए काम करें, वो इंजीनियरिंग क्षेत्र में संभव नहीं था. इसलिए BPSC की परीक्षा में सफल होना चाहती थी.
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10वीं तक की पढ़ाई डीएवी स्कूल, पाकुड़ से 2010 में पूरा किया. वहीं, 12वीं की पढ़ाई डीपीएस बोकारो से की. इसके बाद BIT सिंदरी से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया. चंदा भारती ने दूसरे प्रयास में BPSC में सफलता प्राप्त की है. चंदा भारती के पिता विवेकानंद यादव सहायक अभियंता गढ़वा में पदस्थापित हैं. माता कुंदन कुमारी हैं. परिवार में तीन भाई हैं. चंदा भारती का पैतृक आवास बिहार के बांका जिला अंतर्गत बरौनी गांव में है, लेकिन पिता झारखंड के पाकुड़, कोडरमा, गढ़वा समेत अन्य जिलों में पदस्थापित रहे हैं. इस कारण चंदा की पढ़ाई झारखंड में ही हुई है.
Posted By : Samir Ranjan.