Lakhimpur Kheri Violence: लखीमपुर खीरी जा रहे कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को पुलिस ने सहारनपुर बॉर्डर पर रोक दिया. पुलिस ने सिद्धू को हिरासत में भी ले लिया. सिद्धू तिकुनिया हिंसा में मारे गए किसानों के परिवार से मुलाकात करने जा रहे थे, उन्हें पुलिस की तरफ से इसकी इजाजत नहीं दी गई थी.
मिली जानकारी के मुताबिक, राज्य सरकार ने सिर्फ पांच नेताओं के प्रतिनिधिमंडल को ही पीड़ित परिवार से मिलने की इजाजत दी है ,लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू अपने काफिले के साथ लखीमपुर खीरी जाने की जिद पर अड़े थे. उन्होंने मांग की, कि या तो उन्हें लखीमपुर जाने दिया जाए या उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाए.
लखीमपुर हिंसा को लेकर नवजोत सिंह सिद्धू लगातार बीजेपी सरकार पर हमला बोल रहे हैं. उन्होंने गुरुवार को मांग की, कि अगर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी नहीं होती है तो वह भूख हड़ताल पर बैठेंगे.
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सिद्धू ने प्रियंका गांधी को हिरासत में लेने पर बुधवार को कहा था, 54 घंटे हो गए हैं, लेकिन प्रियंका गांधी को किसी कोर्ट के सामने पेश नहीं किया गया. 24 घंटे से ज्यादा किसी को अवैध तरीके से हिरासत में रखना मूल अधिकारों का उल्लंघन है. बीजेपी और यूपी पुलिस भारत के संविधान की भावना का हनन कर रहे हैं. आप बुनियादी मानवाधिकारों को ठेस पहुंचा रहे हैं.
इससे पहले सिद्धू ने सरकार को चुनौती देते हुए कहा था, अगर बुधवार तक किसानों की बर्बर हत्या में शामिल केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे को गिरफ्तार नहीं किया गया और प्रियंका गांधी को नहीं छोड़ा गया तो पंजाब कांग्रेस लखीमपुर खीरी के लिए मार्च करेगी.
बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा पर सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार से स्टेटस रिपेार्ट मांगी है. कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि आठ लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन है? इस घटना के बाद अब तक किस-किसके खिलाफ और क्या कार्रवाई की गई है? कोर्ट के सख्त तेवर को देखते हुए पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए जुट गई है.
Posted By: Achyut Kumar