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कोरोना महामारी के मौजूदा माहौल में अगले दो साल में बढ़ेंगे कॉरपोरेट फ्रॉड के मामले, सर्वे में सामने आई ये बात

कोरोना महामारी से प्रभावित मौजूदा कारोबारी माहौल अगले 2 वर्षों में धोखाधड़ी को बढ़ावा दे सकता है. सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है. डेलॉइट टच तोहमात्सु इंडिया एलएलपी ने इंस्टिट्यूट ऑफ डायरेक्टर्स के सहयोग से किए गए एक सर्वे कारपोरेट धोखाधड़ी और अनुशासनहीनता: स्वतंत्र निदेशकों की भूमिका को जारी किया.

Deloitte Survey Report कोरोना महामारी से प्रभावित मौजूदा कारोबारी माहौल अगले 2 वर्षों में धोखाधड़ी को बढ़ावा दे सकता है. एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है. डेलॉइट टच तोहमात्सु इंडिया एलएलपी (DTTILLP) ने इंस्टिट्यूट ऑफ डायरेक्टर्स (IOD) के सहयोग से किए गए एक सर्वे कारपोरेट धोखाधड़ी और अनुशासनहीनता: स्वतंत्र निदेशकों की भूमिका को बुधवार को जारी किया.

सर्वेक्षण के मुताबिक, लगभग 63 प्रतिशत स्वतंत्र निदेशकों (ID) का मानना है कि अगले दो वर्षों में धोखाधड़ी के मामले बढ़ेंगे. सर्वेक्षण के अनुसार, बड़े पैमाने पर रिमोट कार्य और नकदी प्रवाह की कमी को धोखाधड़ी में अपेक्षित वृद्धि के प्रमुख कारकों के रूप में पहचाना गया है. धोखाधड़ी के मामलों में साइबर अपराध और वित्तीय विवरण में गड़बड़ी प्रमुख रूप से शामिल रहने की आशंका है.

डीटीटीआईएलएलपी के वित्तीय सलाहकार रोहित गोयल ने कहा कि हालांकि वर्तमान आर्थिक माहौल को देखते हुए कामकाज के संचालन के लिए कई प्राथमिकताएं हैं. यह संभावना है कि कुछ संगठन अन्य मामलों पर संचालन की स्थिरता को प्राथमिकता देने पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश कर सकते हैं. ऐसी परिस्थितियों में स्वतंत्र निदेशकों को सतर्कता और सावधानी के उच्चतम मानकों के साथ कार्य करने की आवश्यकता होती है.

लगभग 75 प्रतिशत स्वतंत्र का मानना ​​है कि वे धोखाधड़ी की रोकथाम और उसका पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. सर्वेक्षण में कहा गया है कि इसके अलावा लगभग 57 प्रतिशत स्वतंत्र निदेशकों ने संकेत दिया कि उनके बोर्ड ने एक प्रभावी धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन (FRM) ढांचा स्थापित किया है. एफआरएम का प्रशिक्षण इस समय की जरूरत है.

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