Lucknow News: कोरोना संकट के बावजूद उत्तर प्रदेश ने आर्थिक विकास के कीर्तिमान रचे हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ की कोशिशों के चलते कोरोना संकट के बावजूद राज्य में आर्थिक गतिविधियां पटरी पर रहीं. स्थिति ऐसी है कि पिछले साल की तुलना में इस सितंबर में उत्तर प्रदेश ने ज्यादा राजस्व कमाया है. वित्त विभाग के मुताबिक प्रदेश सरकार की कोशिशों का नतीजा है कि पिछले सितंबर की तुलना में इस साल के सितंबर में 2012.73 करोड़ रुपए अधिक राजस्व मिला है.
वित्तीय वर्ष 2020-21 में मुख्य कर-करेत्तर राजस्व वाले मदों में सितंबर में कुल 11538.16 करोड़ रुपए का राजस्व मिला. पिछले सितंबर में 9525.43 करोड़ रुपए राजस्व मिला था.
वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने सूबे की आर्थिक गतिविधियों और राजस्व से जुड़ी रिपोर्ट जारी करके इसकी जानकारी दी. सूबे में जीएसटी के तहत सितंबर 2021 में 4290.92 करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्ति हुई. पिछले साल सितंबर में 3680.20 करोड़ रुपए मिले थे. वैट से सितंबर 2021 में 2200.40 करोड़ रुपए राजस्व मिला. पिछले साल 1653.88 करोड़ रुपए मिले थे.
आबकारी विभाग में सितंबर में 2559.85 करोड़ राजस्व प्राप्त हुआ है. पिछले साल के सितंबर में राजस्व की प्राप्ति 2140.61 करोड़ रुपए थी. स्टॉम्प और रजिस्ट्री के तहत सितंबर 2021 की राजस्व प्राप्ति 1801.30 करोड़ रही. पिछले सितंबर में यह 1429.00 करोड़ था. परिवहन में सितंबर की राजस्व प्राप्ति 520.12 करोड़ रही. यह पिछले साल इसी माह में 439.41 करोड़ था.
वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना प्रदेश के राजस्व में वृद्धि का श्रेय सीएम योगी आदित्यनाथ को दिया है. उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी पर रोकथाम के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने उल्लेखनीय काम किया है. दूसरी तरफ कोरोना से लोगों की जिंदगी और रोजगार बनाने की दिशा में भी बेहतर काम किए गए. इसका नतीजा राजस्व प्राप्ति में भी दिख रहा है. पिछले साल की तुलना में इस साल उत्तर प्रदेश में अप्रैल में साढ़े आठ गुना राजस्व प्राप्त हुआ.
Also Read: UP News: वाराणसी पहुंचे सीएम योगी, विकास कार्यों और कानून-व्यवस्था को लेकर करेंगे समीक्षा बैठक
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना का दावा है कि उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है कि जहां कोरोना महामारी पर अंकुश लगाने की तमाम कोशिश की. कोरोना कर्फ्यू भी लगाया गया. इसके बावजूद कोरोना प्रोटोकॉल के तहत आर्थिक गतिविधियां चलती रहीं. रोज कमाने-खाने वाले, पटरी दुकानदार, मजदूर और फैक्ट्रियों में काम करने वाले लाखों कर्मचारियों पर खास ध्यान दिया गया. इसका नतीजा है आज यूपी राजस्व प्राप्ति की दिशा में नए कीर्तिमान रच रहा है.