Air India Sale सरकारी एयरलाइन एअर इंडिया के टाटा समूह के नियंत्रण में जाने संबंधी खबरों को लेकर सरकार की ओर से स्पष्टीकरण आ गया है. डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट के सचिव ने बताया है कि मीडिया रिपोर्ट गलत हैं. सरकार के निर्णय के बारे में मीडिया को सूचित किया जाएगा.
एअर इंडिया के लिए टाटा ग्रुप और स्पाइसजेट के अजय सिंह ने बोली लगाई थी. यह दूसरा मौका है जब सरकार एअर इंडिया में अपनी हिस्सेदारी बेचने की कोशिश कर रही है. इससे पहले 2018 में सरकार ने कंपनी में 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की कोशिश की थी, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला था. निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव ने ट्वीट कर कहा कि मीडिया में आ रही इस तरह की खबरें सरकार ने एअर इंडिया के फाइनेंशियल बिड को मंजूरी दे दी है, गलत हैं. सरकार जब भी इस निर्णय ले लेगी, मीडिया को जानकारी दी जाएगी.
Media reports indicating approval of financial bids by Government of India in the AI disinvestment case are incorrect. Media will be informed of the Government decision as and when it is taken: Secretary, Department of Investment and Public Asset Management, GoI pic.twitter.com/PoWk7UceF5
— ANI (@ANI) October 1, 2021
दरअसल, सूत्रों के हवाले से मीडिया में ऐसी खबरें चल रही थीं कि एअर इंडिया की बिक्री प्रक्रिया में टाटा समूह ने सबसे ज्यादा कीमत लगाकर बिड जीत ली है. हालांकि, अब सरकार का कहना है कि जब अंतिम फैसला होगा तो जानकारी दी जाएगी. सूत्रों के अनुसार दिसंबर 2021 तक एअर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. एयर इंडिया के लिए सरकार ने फाइनेंशियल बिड्स मंगवाई थीं. ये सरकार के विनिवेश कार्यक्रम का हिस्सा भी है. सरकार एअर इंडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस की अपनी सौ फीसदी हिस्सेदारी, जबकि ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी एआईएसएटीएस की 50 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी.
उल्लेखनीय है कि एयर इंडिया की शुरुआत 1932 में टाटा ग्रुप ने ही की थी. टाटा समूह के जेआरडी टाटा ने इसकी शुरुआत की थी और वे खुद भी एक बेहद कुशल पायलट थे. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भारत से सामान्य हवाई सेवा की शुरुआत हुई और तब इसका नाम एयर इंडिया रखकर इसे एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बना दिया गया.
आजादी के बाद एक राष्ट्रीय एयरलाइंस की जरूरत महसूस हुई और भारत सरकार ने एयर इंडिया में 49 फीसदी हिस्सेदारी अधिग्रहण कर ली. इसके बाद 1953 में भारत सरकार ने एयर कॉरपोरेशन एक्ट पास किया और टाटा ग्रुप से इस कंपनी में बहुलांश हिस्सेदारी खरीद ली. इस तरह एयर इंडिया पूरी तरह से एक सरकारी कंपनी बन गई.
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