Jivitputrika Vrat 2021: आज नहाय-खाय के साथ जीवित्पुतत्रिका व्रत की शुरुआत हो चुकी है. यह पर्व तीन दिनों का होता है. पहला दिन नहाय-खाय, दूसरा दिन निर्जला व्रत, तीसरे दिन व्रत पारण किया जाता है. जीवित्पुत्रिका व्रत आश्विन माह कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि से आरंभ होती है. माताएं निर्जला व्रत धारण कर बुधवार को संतान के दीर्घायु होने की कामना करेंगी.
जीवित्पुत्रिका व्रत धारण करने वाली महिलाएं बुधवार को निर्जला उपवास रखेंगी. वहीं, शाम में सभी व्रती महिलाएं समूह में एक स्थान पर इकट्ठा होकर जीमूतवाहन की पूजा कर कथा का श्रवण करेंगी. पूजा के बाद सभी जिउतिया को गले में धारण करेंगी और पुत्र समेत सभी संतान के दीर्घायु होने की मंगल कामना करेंगी.
आज व्रत का पहला दिन है. आज व्रती माताएं स्नान-ध्यान एवं भगवत स्मरण के बाद शुद्ध भोजन ग्रहण करेंगी. माताएं बच्चों को मड़ुआ आटा से तैयार रोटी, नोनी का साग एवं सतपुतिया की सब्जी भोजन में ग्रहण करेंगी. व्रती उदया तिथि से पूर्व मंगलवार की रात 12 बजे के बाद एवं सुबह चार बजे से पहले सरगही करेंगी. वैसी व्रती जो उदया तिथि मानती हैं, वह भिनसार में सरगही करेंगी.
कई व्रती सुबह में स्नान के बाद दिवंगत सास को सरसों का काढ़ा, तेल एवं खल्ली अर्पित करेंगी. रात में भी कई महिलाएं दिवंगत सास मां को चावल के मांड़ की धारा देकर श्रद्धा निवेदन करती हे. देर रात व्रती चिल्हो-सियारो की पूजा करेंगी और झिंगी के पत्ते पर नेनुआ, सतपुतिया, कच्चू एवं झिंगी की सब्जी के अलावा चूड़ा-दही, सादी रोटी का भोग चढ़ाएंगी.
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जितिया व्रत की शुरुआत नहाय खाए से होती है.
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इस साल 28 सितंबर 2021 दिन मंगलवार को नहाए खाए होगा.
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29 सितंबर 2021 दिन बुधबार को निर्जला व्रत रखा जाएगा.
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जीवित्पुत्रिका व्रत का पारण 30 सितंबर दिन गुरुवार को सूर्य उदय के बाद किया जाएगा.
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जितिया व्रत शुभ मुहूर्त व पारण का समय
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अष्टमी तिथि प्रारंभ- 28 सितंबर 2021 दिन मंगलवार की शाम 06 बजकर 16 मिनट से
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अष्टमी तिथि समाप्त- 29 सितंबर 2021 दिन बुधवार की रात 8 बजकर 29 मिनट पर
संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष एवं रत्न विशेषज्ञ
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Posted by: Radheshyam Kushwaha