नेपाल सरकार के मंत्रीमंडल (कैबिनेट) के द्वारा बॉर्डर खोलने का निर्णय लिये जाने के बाद भी अब तक बॉर्डर पर आवाजाही सामान्य नहीं हो सकी है. जिला प्रशासन को तो गृह मंत्रालय के तरफ से सीमा खोले जाने का पत्र प्राप्त हो गया है, लेकिन अब तक कस्टम विभाग को यह निर्देश नहीं मिला है कि जिससे भारतीय नंबर की चार पहिया व दो पहिया को नेपाल में इंट्री दी जाये.
आज से एक सप्ताह पहले नेपाल की कैबिनेट ने यह निर्णय लिया था कि सीमा को पूर्णत: सीमा पर आवागमन सुचारू किया जाये, इसके तीन दिन बाद पर्सा जिला कार्यालय को पत्र प्राप्त हुआ. अब कस्टम विभाग इस बात को लेकर अडिग है कि उसके पास किसी तरह का पत्र नहीं आया है, जिसमें यह जिक्र हो कि भारतीय नंबर की गाड़ी को नेपाल जाने दिया जाये.
सवाल यह उठता है कि जब भारतीय वाहनो को नेपाल में अनुमति ही नहीं मिलेगी तो स्वाभाविक है कि नेपाल में भारतीय पर्यटक अभी जाना नहीं चाहेगें. हालांकि नेपाल सरकार के द्वारा जो कोविड प्रोटोकॉल बनाया गया है, उसके तहत विदेशी नागरिकों को ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा. ऑनलाइन फॉर्म के साथ-साथ कोविड-19 निगेटिव होने का आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट देना होगा. साथ ही कोविड टीकाकरण का प्रमाण पत्र भी देना होगा.
Also Read: Bihar Politics: कन्हैया कुमार के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों पर क्या बोले CM नीतीश, पढ़िएनेपाल सरकार की रवैये की हो रही आलोचना- नेपाल सरकार की इस रवैये की चारो ओर आलोचना हो रही है, जहां भारत सरकार ने अक्तूबर 2020 से ही अपनी सीमा को नेपाल के लिए खोल दिया था, परंतु इसके बाद भी नेपाल के द्वारा अपनी सीमा पर आवाजाही सामान्य नहीं की जा रही है. इसका प्रतिकूल असर नेपाल पर भी पड़ रहा है, बॉर्डर बंद होने के कारण पर्यटक नेपाल नहीं जा रहे है. जिससे वहां का पर्यटन व्यव्साय पूरी तरह से ठप हो चुका है.
वीरगंज भंसार कार्यालय के प्रमुख हरि प्रसाद पौडेल ने बताया कि अर्थ मंत्रालय से कोई निर्देश नहीं मिला है. हमें आदेश मिलेगा तो हम लोग भारतीय नंबर की गाड़ियों को इंट्री देंगे. पर्यटन व्यवसायिक संघ के हरि पंत ने बताया कि सरकार से अनुमति मिली है, कस्टम को आदेश आने के बाद सब कुछ सामान्य हो सकेगा.
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