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योगी मंत्रिमंडल का विस्तार,जितिन प्रसाद समेत 7 नेताओं ने ली मंत्री पद की शपथ, जातीय समीकरण को साधने का प्रयास?

UP Cabinet Expansion: योगी मंत्रिमंडल का आज विस्तार हुआ. जितिन प्रसाद समेत 7 नेताओं ने मंत्री पद और गोपनीयता की शपथ ली.

UP Cabinet Expansion: उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. उससे पहले रविवार को योगी सरकार का कैबिनेट विस्तार हुआ. कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले जितिन प्रसाद ने सबसे मंत्री पद की शपथ ली. उनके साथ 6 और नेताओं ने मंत्री पद और गोपनीयता की शपथ ली. इसमें एक कैबिनेट और 6 राज्यमंत्री हैं.

जितिन प्रसाद के बाद छत्रपाल सिंह गंगवार ने शपथ ली. उनके बाद पलटू राम ने मंत्री पद की शपथ ली. वे अनुसूचित जाति के नेता हैं और पहली बार विधायक चुने गए हैं.


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संगीता बलवंत और संजीव कुमार ने भी मंत्री पद की शपथ ली है. इसके बाद दिनेश खटीक ने मंत्री पद की शपथ ली. वह मेरठ के हस्तिनापुर से विधायक हैं और पार्टी के अनुसूचित जाति का चेहरा हैं. इसके बाद धर्मवीर प्रजापति ने मंत्री पद की शपथ ली.


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अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यह योगी सरकार का अंतिम कैबिनेट विस्तार माना जा रहा है. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के गुजरात से वापस लखनऊ लौटने के बाद रविवार शाम को कैबिनेट विस्तार हुआ. लंबे समय से कैबिनेट विस्तार की अटकले लगायी जा रही थीं.

बीजेपी ने मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए जातिगत समीकरणों को साधने की कोशिश की है. जिन नेताओं को मंत्रि पद की शपथ दिलायी गई, उनमें जितिन प्रसाद ब्राह्मण, संगीता बलवंत मल्लाह, ओबीसी, धर्मवीर प्रजापति कुम्हार, ओबीसी, पलटूराम अनुसूचित जाति, छत्रपाल सिंह गंगवार कुर्मी, ओबीसी, दिनेश खटिक, दलित-एससी और संजय गौड़ अनुसूचित जनजाति, एसटी का प्रतिनिधित्व करते हैं.

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जितिन प्रसाद

जितिन प्रसाद 2004 में शाहजहांपुर से लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बने थे. उन्हें 2008 में यूपीए सरकार में इस्पात राज्य मंत्री बनाया गया था. 2009 में लखीमपुर खीरी जिले की धौरहरा लोकसभा सीट से वे 1 लाख 84 हजार 509 वोटों से विजयी हुए. जितिन प्रसाद 2009 से जनवरी 2011 तक सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, 19 जनवरी 2011 से 28 अक्टूबर 2012 तक पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और 28 अक्टूबर 2012 से मई 2014 तक मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय, यूपीए सरकार में केन्द्रीय राज्यमंत्री रहे

छत्रपाल सिंह गंगवार

छत्रपाल सिंह बहेड़ी से बीजेपी विधायक हैं. वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पृष्ठभूमि से हैं. छत्रपाल सिंह सीतापुर में प्रचारक और विस्तारक के रूप में काम कर चुके है. उन्हें 2002 में बीजेपी की ओर से पहली बार टिकट मिला था, लेकिन वे सपा के मंजूर अहमद से चुनाव हार गए. 2007 में वे पहली बार विधायक बने. हालांकि 2012 में उन्हें फिर से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन 2017 में फिर से वे विधायक बने.

छत्रपाल सिंह अपने गृह नगर के धनी राम इंटर कॉलेज में शिक्षक रहे. उसके बाद वहीं प्रिंसिपल बनकर सन 2018 में रिटायर्ड हो गए. 2017 में बसपा के नसीम अहमद को हराने के बाद छत्रपाल गंगवार विधायक बने. कुर्मी चेहरे के रूप में बीजेपी विधानसभा चुनाव में उनका इस्तेमाल करेगी. इसे पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार की राजनीतिक भरपाई के रूप में देखा जा रहा है.

संगीता बलवंत बिंद

संगीता बलवंत बिंद पहली बार 2017 में बीजेपी के टिकट पर सदर विधानसभा से विधायक बनीं है. वह इससे पहले 2005 में जमानियां क्षेत्र से जिला पंचायत चुनाव भी जीत चुकी हैं. वह जब कक्षा 11 में पढ़ती थी, तब छात्रसंघ की वाइस प्रेसिडेंट चुनी गई थीं. संगीता का जन्म गाजीपुर में हुआ. इनके पिता स्व. रामसूरत बिंद रिटायर्ड पोस्टमैन थे. संगीता ओबीसी जाति से आती हैं. पूर्वांचल में ये वोट बैंक काफी संख्या में है. बीजेपी से इनका जुड़ाव 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान हुआ.

पलटूराम

पलटूराम बलरामपुर के सदर विधानसभा सीट से विधायक हैं. वह गोंडा जिला अंतर्गत परेड सरकार गांव के रहने वाले हैं. साल 2017 में बीजेपी के टिकट पर पलटूराम पहली बार जीतकर विधायक बने. उनकी पत्नी ज्ञानमती गोंडा जिला पंचायत की अध्यक्ष रह चुकी हैं. पलटूराम सोनकर (खटीक) बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं.

दिनेश खटीक

बीजेपी विधायक दिनेश खटीक को राज्यमंत्री पद की शपथ ली है. उन्हें राज्यमंत्री बनाया गया है. दिनेश खटीक पश्चिमी यूपी से आते हैं. वे 2017 में हस्तिनापुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़कर पहली बार विधायक बने हैं. दिनेश खटीक शुरू से ही बीजेपी में रहे हैं. वे आरएसएस के कार्यकर्ता भी हैं. उनके भाई नितिन खटीक जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं.

Posted By: Achyut Kumar

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