Jharkhand Crime News (देवघर) : गिरिडीह की एक छड़ कंपनी के कर्मी मनीष कुमार से देवघर नगर थाना क्षेत्र के झौंसागढ़ी में 9.18 लाख रुपये छिनतई मामले का पुलिस ने 24 घंटे के अंदर उद्भेदन कर लिया. छिनतई की वारदात का साजिशकर्ता मनीष कुमार ही निकला. उन्होंने अपने दो रिश्तेदारों के साथ मिलकर रुपये हड़पने की साजिश रची तथा इसे छिनतई की घटना बताते हुए मामला दर्ज कराया था. पुलिस ने आरोपी मनीष कुमार सहित विनीत तिवारी व निशांत श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर लिया तथा इसके पास से 8.89 लाख रुपये बरामद कर लिया. इस बात की जानकारी DIG सुदर्शन मंडल ने पत्रकारों को दी.
गत 23 सितंबर को गिरिडीह की छड़ कंपनी का कर्मी जसीडीह थाना क्षेत्र के राजसार निवासी मनीष कुमार ने बांका सहित अन्य जगहों से कंपनी के रुपये कलेक्शन के बाद वापस देवघर आया. देवघर के झौंसागढ़ी के स्वाति ट्रेडर्स से भी पैसे लाने के लिए गया था. जब वहां से वापस लौटने लगा और जैसे ही अपनी गाड़ी के समीप पहुंचा, तो मंदिर मोड़ के तरफ से आ रहे एक बाइक पर सवार दो युवकों ने उससे पैसों से भरा बैग को छीनकर भाग गये. बैग में 9.18 लाख रुपये थे. उन्होंने नगर थाना में घटना के ढाई घंटे बाद प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
नगर पुलिस को शुरू से ही मामला संदेहास्पद लगा और इस दिशा में काम करना शुरू किया. एसपी धनंजय कुमार सिंह ने अनुसंधान का भार SDPO पवन कुमार के नेतृत्व में सौंपा. SDPO श्री कुमार ने सूचक मनीष कुमार से कड़ाई से पूछताछ करना शुरू किया और तकनीकी साक्ष्य के आधार पर उससे पूछताछ की गयी, तो वह पुलिस के सामने राज खोल दिया.
आरोपित मनीष ने बताया कि वह रिखिया थाना क्षेत्र निवासी अपने रिश्तेदार विनीत तिवारी व दोस्त निशांत श्रीवास्तव के साथ मिलकर षड़यंत्र के तहत कंपनी की मोटी रकम हड़पने की नियत से पैसों की छिनतई करवाया और घटना होने के ढाई घंटे बाद नगर थाना पहुंचकर मामले में प्राथमिकी दर्ज करायी.
पुलिस ने त्वरित तहकीकात के बाद उसके सहयोगी दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया तथा गायब किये गये 9.18 लाख में से 8.89 लाख रुपये बरामद भी कर लिया. साथ ही पुलिस ने इस कांड में प्रयुक्त बाइक बजाज प्लेटिना तथा उजला रंग की कार के अलावा चार मोबाइल भी बरामद किया है.
पुलिस को सूचक मनीष पर उसी वक्त शक हो गया, जब घटना होने के करीब ढाई घंटे बाद वह थाने में सूचना देने पहुंचा. पुलिस ने सूचक की शिकायत के आधार पर छानबीन तो जरूर शुरू की, लेकिन उसकी गतिविधि पर भी ध्यान रखना शुरू किया.
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अनुसंधान टीम में शामिल एक पुलिस अधिकारी के अनुसार मनीष के मोबाइल को पुलिस ने टेक्निकल टीम को उपलब्ध कराकर उसके कॉल डिटेल्स निकालना शुरू कर दिया. जिसमें उसके साथी से कई बार बातचीत के भी साक्ष्य मिले. वहीं, घटनास्थल के CCTV फुटेज को जब पुलिस ने देखा, तो पुलिस को मनीष पर पूरी तरह शक हो गया. इसके बाद SDPO ने कड़ाई से पूछताछ करना शुरू कर दिया. कुछ ही देर में वह टूट गया और साजिश की पोल खोल दी.
आरोपित विनीत के पिता वाराणसी के एक बैंक में अधिकारी बताये जा रहे हैं. पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार, निशांत व विनीत यूपी के रहनेवाले हैं, जो कि वर्तमान में रिखिया थाना क्षेत्र के खपरोडीह में घर बनाकर रह रहे हैं. पुलिस तीनों के क्रिमिनल इतिहास के बारे पता कर रही है.
छापेमारी टीम में SDPO पवन कुमार के अलावा नगर इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी रतन कुमार सिंह, कुंडा थाना प्रभारी प्रवीण कुमार, नगर थाना के एसआइ हीरालाल तुबिड, कुंडा थाना के एएसआइ रामानुज सिंह सहित नगर थाना के रिजर्व गार्ड शामिल थे. DIG ने कहा कि इस कांड के उद्भेदन में शामिल सभी पुलिस पदाधिकारी व आरक्षी को नकद पुरस्कार राशि दी जायेगी.
Posted By : Samir Ranjan.