Assam News: असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा (Assam CM Himanta Biswa Sarma) ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार के पास एक खुफिया रिपोर्ट है कि कुछ लोगों ने यह कहते हुए पिछले 3 महीनों के दौरान 28 लाख रुपये एकत्र किए, कि राज्य से कोई बेदखली नहीं होगी. जब वे बेदखली का विरोध नहीं कर सके, तो उन्होंने जनता को लामबंद किया और उस दिन कहर ढाया.
State govt has an intelligence report that certain people collected Rs 28 lakhs during last 3 months, saying that there'll be no eviction. When they couldn't resist eviction, they mobilised public & created havoc on that day: Assam CM Himanta Biswa Sarma (1/2) pic.twitter.com/2CVacyx5eX
— ANI (@ANI) September 25, 2021
असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि हमारे पास 6 लोगों के नाम हैं. घटना के दिन से पहले, पीएफआई ने बेदखल परिवारों को खाद्य सामग्री ले जाने के नाम पर साइट का दौरा किया. कई सबूत अब सामने आ रहे हैं, जिसमें एक व्याख्याता सहित कुछ लोग शामिल हैं.
Evictions were done as per their consent. I had told them about evictions and that they should ensure no resistance, which they promised. I explained same thing to Congress. They agreed with me & appreciated the decision. They created mayhem the next day: Assam CM Himanta B Sarma pic.twitter.com/bv0lw6AwDd
— ANI (@ANI) September 25, 2021
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हिमंत बिस्वा सरमा ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सहमति के अनुसार निष्कासन किया गया. मैंने उन्हें बेदखली के बारे में बताया था. यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई विरोध न हो, जिसका उन्होंने वादा किया था. मैंने कांग्रेस को भी यही समझाया. वे मेरी बात से सहमत थे और निर्णय की सराहना करते थे. उन्होंने अगले दिन तबाही मचा दी.
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दरांग में हुई हिंसा पर हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि 60 परिवारों का हटाने का काम था, लेकिन 10,000 लोग आए. कौन लेकर आया, इतने लोगों को? पुलिस पर हमला क्यों किया? इन सब में PFI का नाम आ रहा, लेकिन मैं इसपर कुछ नहीं कहूंगा. न्यायिक प्रमाण में देखेंगे कि PFI शामिल था या नहीं.
बता दें, पिछले गुरुवार को दारांग में अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच झड़प हो गई थी, जिसमें नौ पुलिसकर्मी और दो नागरिक घायल हुए थे. इस दौरान पुलिसकर्मियों ने गोलियां भी चलाईं. हालांकि हिमंत बिस्वा सरमा ने इस घटना का सांप्रदायिक पहलू होने से इनकार किया.
राज्य सरकार ने गुवाहाटी उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा घटना की न्यायिक जांच की घोषणा की है. हालांकि अभी उनके नाम की घोषणा बाकी है. इस बीच, सरमा ने कहा है कि बेदखली अभियान को रोका नहीं जाएगा. दरांग जिला प्रशासन ने सोमवार से अब तक 800 परिवारों को बेदखल कर दिया है. सिपाझार में चार अवैध रूप से निर्मित धार्मिक संरचनाओं को ध्वस्त कर दिया गया है.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने विपक्ष और राज्य के अल्पसंख्यकों के प्रतिनिधियों पर तबाही मचाने का आरोप लगाया. सरमा ने कहा कि बीस हजार लोगों ने 27 पुलिसकर्मियों का घेराव किया. इसमें दो-तीन घायल पुलिसकर्मी मुसलमान भी हैं तो यह सांप्रदायिक कैसे हुआ? राष्ट्रीय मीडिया इसे सांप्रदायिक रंग क्यों दे रहा है?.
Posted By: Achyut Kumar