रांची : झारखंड उच्च न्यायालय के निर्माणाधीन भवन की योजना में अभियंताओं के कारण गड़बड़ी हुई थी. मामले में भवन निर्माण विभाग ने निलंबित तत्कालीन अभियंता प्रमुख रास बिहारी सिंह व सेवानिवृत्त प्रभारी अभियंता प्रमुख अरविंद कुमार सिंह समेत कुल 14 अभियंताओं को अनियमितता का दोषी मानते हुए कार्रवाई की है. आठ अभियंताओं को निलंबित किया गया है. दो पर विभागीय कार्यवाही का आदेश है. वहीं, सेवानिवृत्त हो चुके एक अभियंता पर पेंशन नियमावली के तहत विभागीय कार्यवाही की गयी है और छह को इसी नियमावली के तहत शो-कॉज किया गया है.
धुर्वा के तिरिल मौजा में बन रहे झारखंड हाइकोर्ट के भवन निर्माण में अनियमितता की शिकायत की गयी थी. न्यायालय में भी इससे संबंधित मामला दर्ज कराया गया था. अधिकारियों और निर्माण करनेवाले ठेकेदार रामकृपाल कंस्ट्रक्शन लिमिटेड की मिलीभगत से वित्तीय अनियमितताओं का आरोप है. शिकायत में कहा गया है कि शुरुआत में हाइकोर्ट भवन के निर्माण के लिए 365 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी थी. टेंडर के बाद 100 करोड़ घटा कर ठेकेदार को 265 करोड़ में काम अलॉट किया गया. बाद में इस्टीमेट को रिवाइज्ड कर 697 करोड़ कर दिया गया. बढ़ी राशि के लिए सरकार से अनुमति भी नहीं ली गयी. नया टेंडर भी नहीं किया गया.
365 करोड़ की थी प्रशासनिक स्वीकृति. ठेकेदार ने इससे 100 करोड़ कम करके 265 करोड़ में काम करने का टेंडर डाला और काम उसे दे दिया गया. बाद में इस्टीमेट को रिवाइज्ड कर 697 करोड़ रुपये का कर दिया गया.
हाइकोर्ट के नये भवन में अनियमितता बरतने के मामले में अभियंताओं पर कार्रवाई की गयी है. उनके द्वारा कार्य में कोताही बरतने की वजह से ही योजना में गड़बड़ी की शिकायत थी.
– सुनील कुमार, सचिव भवन निर्माण व पथ निर्माण विभाग
राजीव कुमार (कार्यपालक अभियंता), दीपक कुमार महतो (सहायक अभियंता), राजू किसपोट्टा (प्रभारी सहायक अभियंता), कनीय अभियंता विजय कुमार बाखला, सुजय कुमार, सरकार सोरेन, मनीष पूरन व अशोक कुमार मंडल.
रास बिहारी सिंह (निलंबित अभियंता प्रमुख) व राजीव कुमार सिंह (कार्यपालक अभियंता).
इनसे मांगा गया स्पष्टीकरण : अरविंद कुमार सिंह (सेवानिवृत्त प्रभारी अभियंता प्रमुख), ज्योतिंद्रनाथ दास (सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता) व सुनील कुमार सुल्तानिया (सेवानिवृत्त कार्यपालक अभियंता)
Posted By : Sameer Oraon