दूसरे प्रदेशों से बिहार आनेवाले रेल यात्रियों के लिए स्टेशन पर कोरोना जांच अनिवार्य है, लेकिन स्वास्थ्यकर्मियों की कमी के कारण यात्रियों की जांच सही तरीके से नहीं हो पा रही है.
पटना जंक्शन पर 24 स्वास्थ्यकर्मियों के ऊपर बाहर से आनेवाले हजारों रेल यात्रियों की कोरोना जांच की जिम्मेदारी है. पटना जंक्शन की प्लेटफॉर्म संख्या एक की गेट संख्या तीन पर एक जगह ही कोरोना जांच की व्यवस्था है. जबकि प्लेटफॉर्म संख्या एक पर यात्रियों को निकलने के चार रास्ते हैं. ऐसे में दूसरे गेट से यात्री बिना कोरोना जांच के ही निकल जाते हैं. वहीं, प्लेटफॉर्म संख्या 10 करबिगहिया साइड में कोरोना जांच की कोई व्यवस्था नहीं है.
स्वास्थ्यकर्मियों की कमी के कारण प्लेटफॉर्म संख्या 10 पर कोई जांच स्टाॅल नहीं लगाया गया है. सूत्रों के अनुसार कोरोना जांच की व्यवस्था का काम जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को करना है. रेलवे की ओर से केवल जगह दी जाती है. प्लेटफॉर्म संख्या एक की गेट संख्या तीन पर तीन शिफ्टों में जांच के लिए टीम गठित है. इसमें शिफ्ट वाइज कभी-कभी कुछ कर्मी नदारद रहते हैं. स्वास्थ्यकर्मियों की कमी के कारण बाहर निकलनेवाले सभी गेट पर जांच की व्यवस्था नहीं है. इस वजह से बिना जांच के यात्री बाहर निकल जाते हैं.
राजेंद्र नगर टर्मिनल पर लगे जांच स्टॉल में स्वास्थ्यकर्मी नहीं पहुंच रहे हैं. इस वजह से यात्रियों की जांच सही तरीके से नहीं हो रही हो रही है.
Also Read: बालू ही राजस्व का मुख्य स्रोत, उचित कीमत पर उपभोक्ताओं को हो मुहैया, माफियाओं पर कसें नकेल: नीतीश कुमार
पाटलिपुत्र स्टेशन पर जांच की व्यवस्था है. लेकिन जांच करनेवाले स्वास्थ्यकर्मी मनमाने तरीके से पहुचते हैं. स्टॉल पर कभी मिले तो कभी नहीं मिलते हैं.
दानापुर स्टेशन पर प्लेटफॉर्म संख्या एक मेन गेट पर कोरोना जांच स्टॉल पर स्वास्थ्यकर्मी रहते हैं. दिन में मुस्तैदी से रहते हैं. रात में यदा-कदा दिखते हैं.
दूसरे राज्यों से बिहार लौटने वाले यात्रियों पर अब विशेष निगरानी रहेगी. खास कर वैसे राज्य जहां पर कोरोना के अधिक केस पाये गये हैं. स्वास्थ्य विभाग केरल, महाराष्ट्र से आनेवाले की अधिक से अधिक संख्या में कोरोना टेस्ट कराने का निर्देश दिया है. पॉजिटिव पाये जाने पर 10 दिन के लिए होम क्वारंटाइन किया जायेगा.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan