बिहार की राजधानी पटना में वायरल फीवर, कोरोना वायरस के बाद अब डेंगू ने स्वास्थ्य विभाग की टेंशन बढ़ा दी है. राजधानी में रोजाना दो से तीन नए मरीज सामने आ रहे हैं. इधर, विभाग ने इलाके में डेंगू रोकथाम के लिए एएनएम की तैनाती का फैसला किया है.
पटना जिले के ग्रामीण इलाकों के साथ-साथ शहर में डेंगू लार्वा मिलने से डेंगू का प्रकोप बढ़ने की आशंका पैदा हो गयी है. पीएमसीएच में विगत एक सप्ताह से रोजाना दो से तीन के बीच डेंगू मरीज मिल रहे हैं. बढ़ रहे केस को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने शहरी इलाकों के लिए अलग-अलग जोन बांटकर टीम बनायी है जो गली-मुहल्लों में दस्तक दे रही हैं.
इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी अभियान चलाकर एंटी लार्वा छिड़काव कराने का फैसला किया है. बाढ़ प्रभावित इलाको में आशा और एएनएम की मदद से डेंगू के मरीज ढूढ़े जायेंगे. वहीं डॉक्टरों का कहना है कि शहर के 10 संवेदनशील इलाकों में सबसे अधिक डेंगू के मरीज मिल रहे हैं.
इन 10 इलाकों से जांच के लिए पहुंच रहे अधिक सैंपल- शहरी इलाकों में वैसे तो 20 सबसे अधिक संवेदनशील इलाके माने गये हैं. लेकिन वर्तमान में इन 20 में 10 ऐसे इलाके हैं जहां डेंगू ने अपना डंक मारना शुरू कर दिया है. नतीजतन इन इलाकों में मरीज मिलना शुरू हो गये हैं. संबंधित संदिग्ध लोगों में बुखार के लक्षण अधिक मिल रहे हैं, जिसके बाद उनका सैंपल लिया जा रहा है.
इनमें शहर के ट्रांसपोर्ट नगर, कंकड़बाग, महेंद्रू, गायघाट, सब्जीबाग, फुलवारीशरीफ, शास्त्रीनगर, बुद्धा कॉलोनी, पाटलिपुत्र, गर्दनीबाग इलाके से सबसे अधिक डेंगू के संदिग्ध मरीज पाये जा रहे हैं. जिनकी सैंपल की जांच शहर के पीएमसीएच अस्पताल में पहुंचा है. ऐसे में अब इन इलाकों में डेंगू और मलेरिया के संबंध में तेजी से बचाव कार्य किये जाने का निर्णय लिया गया है
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