पटना. नीट व अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं में सेटिंग करने वाले गैंग के सरगना पीके उर्फ निलेश को पकड़ने के लिए उसके आसपास के लोगों की पहचान बनारस क्राइम ब्रांच की पुलिस कर रही है. इसी कड़ी में उसके दो करीबियों राजीव सिंह व कमलेंद्र कुमार की पहचान की गयी, जो यूपी के ही रहने वाले हैं. हालांकि पीके का नाम सामने आने के बाद से दोनों भूमिगत हो गये हैं.
सूत्रों का कहना है कि बनारस क्राइम ब्रांच की पुलिस को गिरोह के कुछ अन्य सदस्यों के संबंध में भी जानकारी मिली है. जिनकी भूमिका का सत्यापन किया जा रहा है.
विकास को रिमांड पर ले सकती है बनारस क्राइम ब्रांच की पुलिस : इसके साथ ही इस गैंग के पकड़े गये सदस्य व खगडिय़ा निवासी विकास कुमार को बनारस क्राइम ब्रांच फिर से रिमांड पर ले सकती है. क्योंकि विकास महतो ही वह शख्स है, जिसने सॉल्वर के रूप में बैठने के लिए बीएचयू की मेडिकल छात्रा जूली को तैयार किया था.
इसके साथ ही कई ऐसे उम्मीदवार को भी तैयार किया था, जो नीट की परीक्षा पास होना चाहते थे. इसके एवज में उसे मोटी रकम भी पीके के माध्यम से मिली थी.
सूत्रों का कहना है कि पुलिस ने जब विकास के खाता को खंगाला तो यह पता चला है कि लाखों रुपये का ट्रांजेक्शन हाल के दिनों में हुआ है. विकास के अलावे यूपी के मऊ जिला निवासी ओसामा शाहिद भी पीके के गैंग का अहम सदस्य है.
इसने भी कई उम्मीदवार की खोज की थी, जो नीट की परीक्षा में पास होना चाहते थे. हालांकि ओसामा को फिलहाल इस बात की जानकारी नहीं है कि पीके उर्फ नीलेश अभी कहां है.
इस गैंग में लखनऊ के एक मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर की भी संलिप्तता सामने आ रही है. लेकिन अभी उसके खिलाफ में बनारस क्राइम ब्रांच की पुलिस को पुख्ता सबूत हाथ नहीं लगा है.
Posted by Ashish Jha