Covishield Vaccine विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने मंगलवार को यूनाइटेड किंगडम की ओर से भारत में एस्ट्रेजेनिका और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की तरफ से तैयार किए गए कोविशील्ड वैक्सीन को मान्यता नहीं देने को भेदभाव वाली नीति करार दिया है. हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि कोविशील्ड को लेकर भेदभावपूर्ण नीति के चलते ब्रिटेन जा रहे हमारे नागरिकों पर असर पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि मूल मुद्दा यह है कि यहां कोविशील्ड नामक एक टीका है और मूल निर्माता यूके है. हमने यूके को उनके अनुरोध पर 50 लाख वैक्सीन खुराक प्रदान की है. इसका उपयोग उनकी स्वास्थ्य प्रणाली एनएचएस द्वारा किया गया है.
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि कोविशील्ड को मान्यता न देना एक भेदभावपूर्ण नीति है. उन्होंने अपने यूके समकक्ष के साथ इस मुद्दे को उठाया है. आश्वासन दिया गया है कि इस मामले को जल्द से जल्द सुलझा लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि अपने सहयोगी देशों को टीकों की आपसी मान्यता की पेशकश की है. लेकिन, ये पारस्परिक सहयोग से ही संभव है. अगर, हमें संतुष्टि नहीं मिलती है तो हम पारस्परिक उपायों को लागू करने के अपने अधिकारों के लिए स्वतंत्र हैं.
The non-recogition of Covishield is a discriminating policy & impacts our citizens travelling to the UK. The EAM has raised the issue strongly with the new UK foreign secretary. I am told that certain assurances have been given that this issue will be resolved: Foreign Secy pic.twitter.com/tJCXxuvYtH
— ANI (@ANI) September 21, 2021
वहीं, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्रिटेन की नवनियुक्त विदेश मंत्री एलिजाबेथ ट्रुस के साथ अपनी बैठक के दौरान कोविड-19 संबंधी पृथक-वास के मामले के शीघ्र समाधान का आग्रह किया और अफगानिस्तान में हालात एवं हिंद प्रशांत में हालिया घटनाक्रम पर चर्चा की. नए नियमों के अनुसार, ब्रिटेन में यह माना जाएगा कि कोविशील्ड की दोनों खुराक ले चुके लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है और उन्हें दस दिन क्वारंटाइन में रहना होगा. जानकारी के मुताबिक, भारतीय सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया का कोविशील्ड टीका लगवा चुके लोगों को अनिवार्य रूप से पीसीआर जांच करानी होगी तथा तय पतों पर क्वारंटाइन में रहना होगा.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर कहा कि ब्रिटेन की नई विदेश मंत्री ट्रुस से मिलकर बहुत खुशी हुई. हमने 2030 के रोडमैप की प्रगति पर चर्चा की. मैंने व्यापार के मामले में उनके योगदान की सराहना की. अफगानिस्तान और हिंद-प्रशांत में हालिया घटनाक्रम पर चर्चा की. मैंने पृथक-वास मामले के साझा हित में शीघ्र समाधान की अपील की.
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