आनंद तिवारी, पटना. कोरोना के शिकार हो चुके मरीजों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है. कोविड के गंभीर संक्रमण से उबर चुके मरीजों के कई अंगों में संक्रमण मिल रहा है. संक्रमण से शरीर के कई अंग प्रभावित हो रहे हैं. जिसे डॉक्टर सेप्टिसीमिया बीमारी का नाम दे रहे हैं. इनमें सबसे अधिक बच्चे व युवा शामिल हैं.
यह बीमारी सुपर इन्फेक्शन की तरह है. इस इन्फेक्शन की वजह से मल्टी ऑर्गन फेल होने की संभावना अधिक होती है. शहर के पीएमसीएच, आइजीआइएमएस और पटना एम्स अस्पताल में रोजाना करीब 10 से 12 मरीज सेप्टिसीमिया से पीड़ित होकर पहुंच रहे हैं. ये सभी मरीज रेफर होकर अस्पताल में आ रहे हैं. इनमें रोजाना दो मरीजों को आइसीयू व इमरजेंसी में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है.
आइजीआइएमएस में सेप्टिसीमिया रोग का इलाज कर रहे डॉक्टरों के मुताबिक कोविड आइसीयू में भर्ती मरीजों में सेकेंडरी इन्फेक्शन के मामले अब सामने आ रहे हैं. ऐसे में कम प्रतिरोधक क्षमता वाले मरीजों के लिए यह जानलेवा भी साबित हो रहा है.
शहर के पीएमसीएच, आइजीआइएमएस व पटना एम्स में पटना के अलावा बिहार के अलग-अलग जिलों से रेफर होकर मरीज पहुंच रहे हैं. वहीं आइजीआइएमएस के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मनीष मंडल ने बताया कि संस्थान में सेप्टिसीमिया रोग को लेकर अलर्ट कर दिया गया है. संस्थान इस तरह के मरीजों के इलाज के लिए तैयार है.
पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने बताया कि जिन कोरोना मरीजों का सही से इलाज नहीं हुआ, वैसे मरीजों में पोस्ट कोविड के लक्षण दिख रहे हैं. आइसीयू में भर्ती मरीजों में 40% को सेप्टिसीमिया का खतरा ज्यादा रहता है. मरीजों में तेज सांस लेना, धड़कन बढ़ना, त्वचा पर चकत्ते, कमजोरी या मांसपेशियों में दर्द, पेशाब रुकना, अधिक गर्मी या ठंड लगे तो तुरंत डाक्टर से संपर्क करें.
Posted by Ashish Jha