12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहारवासी भी अब जान सकेंगे 500 साल पुराने दस्तावेजों की हकीकत, फारसी के विद्वानों की टीम करेगी अनुवाद

500 साल पुराने दस्तावेजों में दर्ज राजस्व प्रणाली और भूमि व्यवस्था को अब आम लोग भी जान सकेंगे.बिहार राज्य अभिलेखागार में सुरक्षित मूल दस्तावेजों का अनुवाद करने फारसी के विद्वानों की टीम को आमंत्रित किया गया है.

शशिभूषण कुंवर, पटना: मुगल काल के करीब 500 साल पुराने दस्तावेजों में दर्ज भूमि के प्रकार और राजस्व प्रणाली को अब आम लोग भी जान सकेंगे. अकबर के नौ रत्नों में से एक टोडरमल ने बिहार के भागलपुर परगना की राजस्व प्रणाली तैयार करायी थी. वह मूल दस्तावेज बिहार राज्य अभिलेखागार में सुरक्षित है. इसका नाम रकबाबंदी टोडलरमली ऑफ भागलपुर परगना, वर्ष 1594 है.

मूल रूप से फारसी में लिखे गये इस दस्तावेज का पहला अनुवाद अंग्रेजी भाषा में कराया जा रहा है. इसको लेकर 23 सितंबर को बिहार राज्य अभिलेखागार में फारसी के विद्वानों की टीम को आमंत्रित किया गया है.

राज्य अभिलेखागार के निदेशक महेंद्र पाल ने बताया कि रकबाबंदी टोडरलमली का फारसी से अंग्रेजी में अनुवाद करने के लिए चार विद्वानों को आमंत्रित किया गया है. नेशनल आर्काइव ऑफ इंडिया के असिस्टेंट डायरेक्टर मुजफ्फर इस्लाम को मुख्य अनुवादक के रूप में कार्य सौंपा जायेगा.

Also Read: एक ही जमीन पर दो परियोजनाओं को मंजूरी, सैकड़ों ग्राहक का फंसा पैसा, जानें अग्रणी और हीरा पन्ना इन्फ्रा विवाद

इसके अलावा फारसी के विद्वान व कुलपति प्रो इएम अंसारी, पटना विश्वविद्यालय के पर्सियन भाषा के विद्वान डाॅ सादिक हुसैन और इंडियन काउंसिल ऑफ हिस्टोरिकल रिसर्च के विद्वान डाॅ अमरेंद्र कुमार झा को आमंत्रित किया गया है.

मालूम हो कि राजा टोडरमल ने जाब्ती ए दहसाला प्रणाली लागू की थी. यह प्रणाली भूमि की पैमाइश एवं गल्ले की किस्म पर आधारित कर प्रणाली थी. अकबर के समय में यह भू लगान प्रणाली बिहार, इलाहाबाद, मालवा, अवध, आगरा, दिल्ली, लाहौर तथा मुल्तान में लागू थी.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें