टाइम मैगजीन (TIME Magazine) ने वर्ष 2021 की 100 सबसे प्रभावशाली हस्तियों की सूची (time 100 most influential 2021) जारी कर दी है. इस लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ तालिबानी नेता और अफगानिस्तान के डिप्टी प्राइम मिनिस्टर मुल्ला गनी बरादर शामिल हैं. टाइम मैगजीन में नेताओं की सूची में इन्हें जगह दी गयी है.
इस लिस्ट में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के अलावा पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भी जगह दी गयी है. नेताओं की लिस्ट में पहला नाम नगोजी ओकोंजा आईविआला का है. दूसरे नंबर जो बाइडेन का नाम है. भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक और यूएसए की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, महबूबा सिराज, इब्राहीम रईसी जैसे नेताओं को भी इस सूची में जगह दी गयी है.
सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला को टाइम मैगजीन ने 100 प्रभावशाली लोगों की सूची (time 100 most influential people 2021) में जगह दी है. 6 कैटेगरी में बांटी इस लिस्ट में इनोवेटर की सूची में कोवैक्सीन बनाने वाले संस्थान के सीईओ पूनावाला को शामिल किया गया है. इस लिस्ट में जेनसेन हुआंग का नाम सबसे ऊपर है. इसके बाद एलन मस्क, मारी बारा, मिमी ऑन्ग, विया, बार्नी ग्राहम जैसे लोगों के नाम हैं.
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लीडर, आर्टिस्ट, पायनियर, आइकॉन, टाइटन और इनोवेटर की सूची में दुनिया भर के देशों के लोगों को जगह दी गयी है. इस प्रतिष्ठित मैगजीन की लिस्ट में शामिल होना किसी के लिए भी गर्व की बात होती है. मैगजीन के एडीटर भी पूरी शिद्दत के साथ इस लिस्ट को तैयार करते हैं.
भारतीय मूल के अमेरिकी पत्रकार फरीद जकारिया ने लिखा है कि जब नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री चुने गये थे, तब कई लोगों ने कई तरह की बातें सोचीं थीं. लेकिन प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने कुछ अलग किया. फरीद जकारिया लिखते हैं कि पीएम मोदी भारत को हिंदू राष्ट्रवाद की तरफ ले गये.
वहीं, बरखा दत्त ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के बारे में लिखा है कि 2 मई को नरेंद्र मोदी के विस्तारवादी टारगेट के सामने तृणमूल कांग्रेस की नेता दीवार बन कर खड़ी हो गयीं. केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी का धनबल भी उसे बंगाल की सत्ता पर काबिज नहीं कर पाया. ममता बनर्जी की कुशल रणनीति ने पीएम मोदी और अमित शाह की जोड़ी को पराजित कर दिया.
बरखा दत्त ने लिखा है कि ममता बनर्जी के बारे में कहा जाता है कि वह अपनी पार्टी टीएमसी को लीड नहीं करती हैं. वही टीएमसी हैं. बरखा ने यह भी लिखा है कि ममता बनर्जी की पहचान किसी की मां, पत्नी, बेटी या सहयोगी के तौर पर नहीं है. उन्होंने अपनी छवि खुद बनायी. गरीबी में पली-बढ़ीं ममता ने उन्होंने स्टेनोग्राफर और मिल्क-बूथ वेंडर के तौर पर काम भी किया, ताकि अपने परिवार की मदद कर सकें. उनकी छवि स्ट्रीट फाइटर है.
सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला के बारे में पत्रकार अभिष्यंत किदनगूर ने लिखा है कि पूनावाला ने मार्च में मुझसे कहा कि अगर इतिहास उनके कामों को जज करे, तो उन्हें किसी तरह का कोई मलाल नहीं है. इस साल उनके सामने कई समस्याएं और चुनौतियां आयीं. पुणे में उनके प्लांट में आग लग गयी. भारत के पास कच्चे माल की कमी थी. फिर भी उन्होंने बेहतरीन काम किया और भारत का पहला स्वदेशी कोरोना वैक्सीन विकसित किया.
Posted By: Mithilesh Jha