नयी दिल्लीः केंद्रीय कैबिनेट ने दूरसंचार क्षेत्र में 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी दे दी. स्पेक्ट्रम शेयरिंग को भी फ्री कर दिया गया है. यानी किसी एक कंपनी को दूसरी कंपनी से स्पेक्ट्रम शेयर करने पर कोई पैसा नहीं देना होगा. इसके साथ ही डिजिटाइजेशन को बढ़ावा देते हुए बुधवार को 14 सुधारों को मंजूरी दी.
इसके साथ ही KYC के नियम भी बदल जायेंगे. केंद्रीय कैबिनेट के इस फैसले के बाद अब देश में मोबाइल कनेक्शन लेने वाले ग्राहकों को फॉर्म भरने से आजादी मिल जायेगी. यानी अब कोई फॉर्म नहीं भरना होगा. सारे काम ड़िजिटल तरीके से होंगे.
All new customer acquisitions are to be done through digital forms only in the coming future.
Auction calendar will be fixed – spectrum auctions to be normally held in the last quarter of every financial year.
– Union Minister @AshwiniVaishnaw #CabinetDecisions pic.twitter.com/s9MNfq9IFg
— PIB India (@PIB_India) September 15, 2021
दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने मंत्रालय से जुड़े सुधारों के बारे में मीडिया को जानकारी दी. उन्होंने बताया कि संचार क्षेत्र में 9 स्ट्रक्चरल और 5 प्रॉसेस रिफॉर्म्स को मंजूरी दी गयी है. श्री वैष्णव ने कहा कि इससे दूरसंचार क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन आयेगा.
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संचार मंत्री ने कहा कि भविष्य में होने वाले स्पेक्ट्रम ऑक्शन को ध्यान में रखते हुए बड़े सुधारों को मंजूरी दी गयी है. अब स्पेक्ट्रम का लाइसेंस 20 से 30 साल के लिए दिया जायेगा. कंपनियां अगर अपना स्पेक्ट्रम सरेंडर करना चाहेगी, तो उन्हें 10 साल बाद ही ऐसा करने की अनुमति होगी.
श्री वैष्णव ने बताया कि स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए बाकायदा एक कैलेंडर तय किया जायेगा. आमतौर पर स्पेक्ट्रम की नीलामी हर वित्तीय वर्ष के आखिरी तिमाही में होगी.
संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि अब मोबाइल कनेक्शन के लिए किसी को फॉर्म भरने की जरूरत नहीं होगी. लोगों को केवाईसी कराने के लिए मोबाइल कंपनियों के दफ्तर या किसी वेंडर के यहां नहीं जाना होगा. सब कुछ डिजिटल होगा. नया कनेक्शन भी डिजिटल फॉर्म पर ही मिलेगा.
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श्री वैष्णव ने बताया कि हम सबके पास मोबाइल फोन है. हम सभी ने कभी न कभी सिम के लिए फॉर्म भरा है. जो भी फॉर्म भरा जाता है, उसे वेयरहाुस में रखा जाता है. इस वक्त 300 से 400 करोड़ फॉर्म वेयरहाउस में जमा हैं. जब यह प्रक्रिया डिजिटाइज हो जायेगी, तो वेयरहाउस में फॉर्म को सुरक्षित रखने के झंझट से निजात मिल जायेगी. श्री वैष्णव ने कहा कि अब कनेक्शन को पोस्टपेड से प्रीपेड या प्रीपेड से पोस्टपेड में कन्वर्ट करने के लिए अलग से केवाईसी की जरूरत नहीं होगी.
टेलीकॉम मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने मीडिया को बताया कि सरकार ने कंपनियों को MCLR + 2% ब्याज दर ऑफर किया है. साथ ही इस पर लगने वाले दंड को पूरी तरह से खत्म कर दिया है. सरकार के इस फैसले से टेलीकॉम क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश का मार्ग प्रशस्त हुआ है. निवेश होगा, तो लोगों को रोजगार मिलेगा. रोजगार से और निवेश होगा और इससे और ज्यादा रोजगार का सृजन होगा.
PM took a bold decision over AGR (adjusted gross revenue) today. A decision has been taken to rationalise the definition of AGR. All non-telecom revenue will be taken out of AGR: Ashwini Vaishnaw, Minister for Communications pic.twitter.com/K6ONqNyZ9I
— ANI (@ANI) September 15, 2021
श्री वैष्णव ने कहा कि पहले कंपनियों से मोटा ब्याज वसूला जाता था. उन पर जुर्माने की तलवार लटकी रहती थी. लाइसेंस फीस पर पेनाल्टी देना पड़ता था. स्पेक्ट्रम यूज के लिए भी कंपनियों को भुगतान करना पड़ता है. इन सभी चीजों से अब कंपनियों को मुक्त कर दिया गया है. पहले हर महीने ब्याज जोड़ा जाता था, अब साल में जोड़ा जायेगा.
दूरसंचार मंत्री श्री वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एजीआर (एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू) पर बहुत साहसिक फैसला किया है. एजीआर को न्यायसंगत बनाने की पहल की गयी है. नॉन-टेलीकॉम रेवेन्यू को अब एजीआर से अलग रखा जायेगा.
Posted By: Mithilesh Jha
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