ओस्लो : नार्वे के आम चुनाव में सत्तासीन प्रधानमंत्री एर्ना सोलबर्ग की कंजर्वेटिव पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है. इस चुनाव में वामपंथी विचारधारा वाले विपक्षी दल लेबर पार्टी ने शानदार जीत दर्ज की है. लेबर पार्टी के नेता जोनास गहर स्टोर के नेतृत्व में नॉर्वे के वामपंथी विपक्ष ने पश्चिमी यूरोप के सबसे बड़े उत्पादक में प्रमुख तेल उद्योग के भविष्य के बारे में सवालों के वर्चस्व वाले अभियान के बाद आम चुनाव में यह जीत दर्ज की. नार्वे में वर्ष 2013 से कंजर्वेटिव पार्टी की अध्यक्ष एर्ना सोलबर्ग प्रधानमंत्री का पद संभाल रही थीं.
आम चुनाव में प्रधानमंत्री सोलबर्ग को करारी शिकस्त देने के बाद अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए लेबर पार्टी के नेता जोनास गहर स्टोर ने कहा कि हमने इसके लिए लंबा इंतजार किया. उन्होंने कहा कि हमने काफी मेहनत की और उम्मीद के अनुरूप जीत दर्ज की. अब हम यह कह सकते हैं कि हमने वही किया, जो हमें करना चाहिए था.
मीडिया की खबर के अनुसार, नार्वे के पांच वामपंथी विपक्षी दलों को संसद में 169 में से 100 सीटें जीतने का अनुमान था. लेबर पार्टी को अपने पसंदीदा सहयोगियों सेंटर पार्टी और सोशलिस्ट लेफ्ट के साथ पूर्ण बहुमत जीतने की भी उम्मीद थी. शुरुआती नतीजों में विपक्षी दलों की 95 फीसदी से अधिक मतों से बढ़त बनी हुई थी. हालांकि, वामपंथी लेबर पार्टी की इस जीत ने ने दो अन्य विपक्षी दल ग्रीन्स और कम्युनिस्ट रेड पार्टी के समर्थन पर भरोसा करने को लेकर चिंताओं को समाप्त कर दिया.
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सामाजिक असमानताओं के खिलाफ अभियान चलाने वाले 61 वर्षीय करोड़पति ने कहा कि नॉर्वे की जनता ने स्पष्ट संकेत दिया है कि वे एक निष्पक्ष समाज चाहते हैं. वहीं, पीएम सोलबर्ग ने कहा कि मैं जोनास गहर स्टोर को बधाई देना चाहती हूं, जिसके पास अब सरकार बदलने के लिए स्पष्ट बहुमत है. 60 वर्षीय सोलबर्ग ने प्रवासन, तेल की कीमतों में गिरावट और कोविड सहित कई संकटों के माध्यम से देश को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है.